सरकार ने भारतीय स्टेट बैंक की चेयरपर्सन अरुंधति भट्टाचार्य को एक साल का सेवा विस्तार दे दिया. भारतीय स्टेट बैंक के पांच सहयोगी बैंकों का उसके साथ विलय होने की प्रक्रिया के बीच अरंधति का कार्यकाल बढ़ाया गया है. एक शीर्ष सरकारी सूत्र के अनुसार स्टेट बैंक की मौजूदा प्रमुख का कार्यकाल एक साल बढ़ाया गया है. इससे बैंक को निरंतरता मिलेगी खासकर ऐसे समय में जब उसमें विलय प्रक्रिया जारी है.
केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने इस साल की शुरुआत में भारतीय स्टेट बैंक और उसके पांच सहयोगी बैंकों तथा भारतीय महिला बैंक के विलय को मंजूरी दे दी थी. देश में वैश्विक स्तर के बड़े बैंकों को खड़ा करने के लिये यह निर्णय लिया गया.
स्टेट बैंक के पांच सहयोगी बैंकों में - स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर, स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर, स्टेट बैंक ऑफ पटियाला, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर और स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद - शामिल हैं. इनमें से तीन सहयोगी बैंक शेयर बाजार में सूचीबद्ध हैं.
पांचों सहयोगी बैंकों और भारतीय महिला बैंक के विलय के बाद जो भारतीय स्टेट बैंक का जो स्वरूप होगा वह दुनिया में सबसे बड़े बैंक से प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम होगा. नए बैंक का संपत्ति आधार 37 लाख करोड़ रुपये (555 अरब डॉलर से अधिक) होगा. उसकी कुल 22,500 शाखायें होंगी और 58,000 एटीएम होंगे तथा 50 करोड़ से अधिक ग्राहक होंगे.
स्टेट बैंक में इससे पहले उसे दो अन्य सहयोगी बैंकों - स्टेट बैंक ऑफ सौराष्ट्र और स्टेट बैंक ऑफ इंदौर का विलय हो चुका है.
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