अरबपति गौतम अदाणी ने कहा है कि समूह की कंपनियों के FY23 वित्तीय परिणाम उनकी सफलता का प्रमाण हैं, बावजूद इसके कि कंपनियों पर एक शॉर्ट-सेलर की रिपोर्ट में "टारगेटेड मिसइंफॉर्मेशन" दी गईं. अदाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड की वार्षिक रिपोर्ट में शेयरधारकों को अपने संबोधन में समूह के अध्यक्ष गौतम अदाणी ने कहा कि बैलेंस शीट, एसेट्स और ऑपरेटिंग कैशफ्लो अब पहले से कहीं अधिक बेहतर हैं और लगातार मजबूत हो रहे हैं.
बीक्यू की रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने कहा, जिस गति से समूह ने अधिग्रहण किए हैं और उन्हें बदला है, वह पूरे राष्ट्रीय परिदृश्य में बेजोड़ हैं और इसने समूह के विस्तार को बढ़ावा दिया है.
अदाणी ने कहा कि शॉर्ट सेलर रिपोर्ट जानबूझकर गलत सूचना पर आधारित थी, जिसका उद्देश्य समूह की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाना था और स्टॉक की कीमतों में जानबूझकर गिरावट के माध्यम से मुनाफा कमाना था.
अदाणी एंटरप्राइजेज ने भारत की सबसे बड़ी फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफरिंग को पूरी तरह से सब्सक्राइब होने के बाद बंद करने का फैसला किया क्योंकि हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा "स्टॉक हेरफेर और धोखाधड़ी" का आरोप लगने के बाद स्टॉक अस्थिर रहा.
अदाणी ने कहा, "पूरी तरह से सब्सक्राइब्ड फॉलो-ऑन सार्वजनिक पेशकश के बावजूद, हमने अपने निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए उन्हें वापस लेने और पैसा वापस करने का फैसला किया."
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त एक समिति ने मई में कहा था कि हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट के बाद अदाणी के शेयरों में अस्थिरता से कोई प्रणालीगत जोखिम नहीं हुआ.
अदाणी ने कहा, "पैनल ने हमारे समूह के डिसक्लोजर्स की गुणवत्ता की पुष्टि की और नियामक विफलता या किसी प्रकार का कोई उल्लंघन नहीं पाया." "हालांकि सेबी को आने वाले महीनों में अपनी रिपोर्ट जमा करनी है, हम अपने प्रबंधन और डिसक्लोजर्स मानकों के प्रति आश्वस्त हैं."
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