बजट की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं. चुनावी साल होने के कारण इस बार सरकार अंतरिम बजट ( Interim Union Budget 2024) पेश करेगी. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman ) 1 फरवरी 2024 को लोकसभा में अंतरिम बजट पेश करेंगी, ये उनका अपना पहला अंतरिम बजट होगा. बजट से पहले 24 जनवरी को वित्त मंत्रालय के ऑफिस (नॉर्थ ब्लॉक) में 'हलवा सेरेमनी' हुई.
‘हलवा सेरेमनी' दशकों से बजट के साथ जुड़ी एक परंपरा है. इस परंपरा में बजट की छपाई से पहले वित्त मंत्रालय में एक बड़ी सी कड़ाही में ‘हलवा' बनाया जाता है. इसे वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट तैयार करने वाले अधिकारियों को खुद परोसा. इस सेरेमनी में सीतारमण के साथ ही वित्त राज्य मंत्री डॉ. भगवत कराड भी मौजूद रहे.
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क्या है मान्यता?
कहा जाता है कि किसी अच्छे काम की शुरुआत से पहले मुंह मीठा करना चाहिए, ऐसा करने से काम में अड़चनें नहीं आती और ये तय समय पर पूरा हो जाता है. बजट पेश करने से पहले ‘हलवा सेरेमनी'को इसी बात से जोड़कर देखा जाता है.
अधिकारियों को लॉक-इन पीरिएड की शुरुआत
‘हलवा सेरेमनी' से ही बजट की छपाई की आधिकारिक शुरुआत होती है. ये बजट बनाने वाले अधिकारियों के ‘लॉक-इन' पीरियड की भी शुरुआत का दिन होता है. ‘हलवा सेरेमनी'के बाद से ही वित्त मंत्रालय में सुरक्षा बढ़ा दी जाती है और अधिकारी बजट पेश होने तक वित्त मंत्रालय में ही रहते हैं.
नॉर्थ ब्लॉक में क्यों लॉक होते हैं अधिकारी?
दरअसल, बजट की सुरक्षा और किसी भी तरह की जानकारी को लीक होने से रोकने के लिए वित्त मंत्रालय के अधिकारियों के साथ-साथ कानून मंत्रालय, CBDT, CBIC और PIB के कुछ अधिकारी करीब 10 दिन तक नॉर्थ ब्लॉक में ही ‘क्वॉरेंटाइन' रहते हैं. इस दौरान ये अधिकारी न तो घर जाते हैं और न ही अपने सगे-संबंधियों और परिवार के संपर्क में रहते हैं.
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मंत्रालय के प्रेस में ही छपता है बजट
अगर इमरजेंसी में उन्हें परिवार या किसी से बात करनी भी पड़े, तो उनकी कॉल पूरी तरह से ‘इंटेलीजेंस ब्यूरो' की निगरानी में होती है. ये सभी अधिकारी वित्त मंत्री के बजट पेश करने के बाद ही नॉर्थ ब्लॉक से बाहर आते हैं. बजट को प्रिंट करने के लिए यहीं पर एक प्रेस भी है.
कोरोना के वक्त रद्द कर दी गई थी हलवा सेरेमनी
निर्मला सीतारमण के वित्त मंत्री रहते एक बार हलवा सेरेमनी को रद्द भी कर दिया गया था. ये 2022 के बजट से पहले हुआ था. देश में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए वित्त मंत्रालय ने उस साल ‘हलवा सेरेमनी' ना करके, अधिकारियों के बीच मिठाई बांटी थी.