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संजय कपूर की 30,000 करोड़ की संपत्ति में क्यों नहीं करिश्मा कपूर के बच्चों का नाम? प्रिया सचदेव के वकील ने किया खुलासा!

संजय कपूर की वसीयत को लेकर करिश्मा कपूर के बच्चों और उनकी पत्नी प्रिया सचदेव के बीच कानूनी जंग जारी है. दिल्ली हाईकोर्ट में दोनों पक्षों के बीच 30 हजार करोड़ की संपत्ति पर विवाद ने नया मोड़ ले लिया है.

संजय कपूर की 30,000 करोड़ की संपत्ति में क्यों नहीं करिश्मा कपूर के बच्चों का नाम? प्रिया सचदेव के वकील ने किया खुलासा!
संजय कपूर प्रॉपर्टी केस प्रिया सचदेव ने फर्जी वसीयत के आरोप का किया खंडन
नई दिल्ली:

संजय कपूर की प्रॉपर्टी को लेकर विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. संजय कपूर की पत्नी प्रिया सचदेव ने कोर्ट में वसीयत जमा की थी. जिसे करिश्मा कपूर के बच्चों के वकील ने फर्जी बताया है.संजय कपूर की वसीयत को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में नई जानकारियां सामने आने के साथ ही एक कानूनी लड़ाई जारी रही. करिश्मा कपूर के बच्चों के दायर मुकदमे में कहा गया है कि 30,000 करोड़ रुपये की पूरी संपत्ति उनकी तीसरी पत्नी को दस्तावेज को डिजिटल रूप से गढ़ा गया था. हालांकि प्रिया कपूर के वकीलों ने जोर देकर कहा कि इस मामले का कोई कानूनी आधार नहीं है क्योंकि उन्होंने वसीयत को फॉर्मली चुनौती नहीं दी थी.

प्रिया सचदेव के वकील ने कही ये बात

सीनियर एडवोकेट राजीव नायर ने तर्क दिया कि संजय कपूर की वसीयत को कोई वैध कानूनी चुनौती नहीं दी जा सकती और इस बात पर जोर दिया कि पूरी शिकायत में किसी भी तरह का वाद-विवाद नहीं है. उन्होंने अपनी बात को कंफर्म करने के लिए मामले से जुड़ी कई जानकारियां दोहराईं और याद दिलाया कि मुकदमा दायर करने से एक महीने से भी ज़्यादा समय पहले से वसीयत के बारे में जानते थे. हालांकि, इस तर्क पर जस्टिस ज्योति सिंह ने कड़ी फटकार लगाई. उन्होंने कहा कि उन्होंने केवल वसीयत पढ़ी जाने की बात सुनी थी और मुकदमा दायर करने के बाद ही उन्हें इसके बारे में पता चला.

प्रिया कपूर हैं बैंकर

एडवोकेट राजीव ने कहा- उन्होंने कभी किसी वसीयत को स्पेलिंग एरर की वजह से अमान्य होते नहीं देखा. उन्होंने आगे कहा- छोटी-मोटी गलतियां किसी वैध रूप से निष्पादित वसीयत को अमान्य नहीं कर सकतीं. जालसाजी पूरी होनी चाहिए, कोई गलती न छूटे. और प्रिया कोई होममेकर नहीं हैं. वो एक निवेश बैंकर हैं. क्या वो अपने बेटे का नाम गलत लिखेंगी? वसीयत को इस बात से जज नहीं होता कि वह किसके पास रही या कब सामने आई, बल्कि इस बात से होता है कि उस पर असली साइन और उचित अटेस्टेशन है या नहीं. यह पत्नी बनाम पत्नी का मामला है - ज़ाहिर है. मौजूदा पत्नी को प्राथमिकता दी जाएगी, अलग हुई पत्नी को नहीं.

वे बस यही कहते रहते हैं. संजय ऐसा नहीं करते, वे छुट्टियों पर थे. वो अपने बच्चों को विरासत से वंचित नहीं कर सकते थे. लेकिन मैं आपको बताऊंगा कि उन्होंने करिश्मा के बच्चों को विरासत से वंचित क्यों किया. ऐसा इसलिए क्योंकि उन्होंने ट्रस्ट के तहत उनके लिए पर्याप्त धन मुहैया कराया था. जब उन्होंने ट्रस्ट से शेयर लिए तो उन्होंने रानी कपूर के लिए एक आंसू भी नहीं बहाया.

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