भारतीय सिनेमा के दिग्गज संगीतकार खय्याम का निधन हो गया, वह 92 वर्ष के थे. खय्याम लंबे वक्त से बीमार चल रहे थे और मुंबई के एक अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था. सोमवार शाम से ही खय्याम की हालत नाजुक बताई जा रही थी. डॉक्टर की एक टीम उनकी निगरानी कर रही थी. मशहूर संगीतकार के निधन से फिल्म जगत में शोक की लहर दौड़ गई है. बॉलीवुड के दिग्गज कलाकारों ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है. खय्याम का पूरा नाम मोहम्मद जहूर खय्याम हाशमी था लेकिन फिल्म जगत में उन्हें खय्याम के नाम से प्रसिद्धी मिली.
'कौन बनेगा करोड़पति' का 11 वां सीजन आज से शुरू, पहले एपिसोड में पूछे गए ये सवाल
'कभी कभी' और 'उमराव जान' जैसी फिल्मों के लिए फिल्मफेयर अवॉर्ड पा चुके ख़य्याम ने अपने करियर की शुरुआत 1947 में की थी. 'वो सुबह कभी तो आएगी', 'जाने क्या ढूंढती रहती हैं ये आंखें मुझमें', 'बुझा दिए हैं खुद अपने हाथों, 'ठहरिए होश में आ लूं', 'तुम अपना रंजो गम अपनी परेशानी मुझे दे दो', 'शामे गम की कसम', 'बहारों मेरा जीवन भी संवारो' जैसे अनेकों गीत में अपने संगीत से चार चांद लगा चुके हैं ख़य्याम.
जम्मू कश्मीर मुद्दे पर ट्रोलर्स का शिकार हुईं थीं सोनम कपूर, अब कुछ इस अंदाज में दिया जवाब
ख़य्याम ने पहली बार फिल्म 'हीर रांझा' में संगीत दिया लेकिन मोहम्मद रफ़ी के गीत 'अकेले में वह घबराते तो होंगे' से उन्हें पहचान मिली। फिल्म 'शोला और शबनम' ने उन्हें संगीतकार के रूप में स्थापित कर दिया। ख़य्याम की पत्नी जगजीत कौर भी अच्छी गायिका हैं और उन्होंने ख़य्याम के साथ 'बाज़ार', 'शगुन' और 'उमराव जान' में काम भी किया है.
Video: बॉलीवुड की दिग्गज अभिनेत्री विद्या सिन्हा ने दुनिया को कहा अलविदा
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं