Tribhanga Review: बॉलीवुड में 'त्रिभंग' जैसी फिल्में बहुत कम बनती हैं, लेकिन डायरेक्टर रेणुका शहाणे, और एक्ट्रेस काजोल (Kajol), तन्वी आजमी (Tanvi Azmi) और मिथिला पालकर (Mithila Palkar) ने मिलकर ऐसी दुनिया रची है जो बहुत ही सशक्त है. इस दुनिया में सबकुछ टेढ़ा मेढ़ा है और जीवन की हकीकत के काफी करीब भी है. 'त्रिभंग' कहानी है तीन पीढ़ियों की, तीन महिलाओं की और उनके तीन अलग-अलग तरह के संघर्षों की. इस तरह रेणुका शहाणे ने संवेदनशील विषय को छुआ और उसे बहुत ही गहराई के साथ दर्शकों के सामने पेश किया.
'त्रिभंग (Tribhanga)' की कहानी तन्वी आजमी की है जो जानी-मानी लेखिका है. तन्वी की बेटी है काजोल, जो एक सिंगल मदर है, डांसर है और सुर्खियों में रहने वाली एक्ट्रेस हैं. दोनों के जीवन में कभी ठहराव नहीं रहा और एक हलचल बनी रही. जबकि काजोल की बेटी मिथिला पालकर एकदम अलग राह चुनती है, ऐसी राह जो उसकी मां और नानी ने कतई नहीं चुनी या उन्हें कतई पसंद नहीं थी. इस तरह इन तीनों के जरिये कहानी को बुना गया है, और इस बुनावट में रेणुका शहाणे ने दिल को छू लने वाले रंगों का इस्तेमाल किया है. कहानी में कसावट है. जिंदगी से जुड़ी कई सच्चाइयां दिखती हैं, और उन्होंने फिल्म को डेढ़ घंटे के अंदर समेट दिया है जो बात इस फिल्म के पक्ष में ही जाती है.
'त्रिभंग (Tribhanga)' में एक्टिंग के मोर्चे पर तन्वी आजमी और काजोल की जुगलबंदी को आसानी से ऩहीं भुलाया जा सकेगा. तन्वी आजमी हमेशा की तरह अपने किरदार में गहरे उतरी हैं. लेकिन दिल जीतने का काम किया है काजोल ने. काजोल ने अपनी बेहतरीन अदाकारी से किरदार को इम्प्रेसिव बनाया है. मिथिला पालकर का भी अच्छा काम है. रेणुका शहाणे ने 'त्रिभंग' के जरिये हिंदी सिनेमा में डायरेक्शन की दुनिया में कदम रखा है, और यह कदम पूरी तरह सफल लगता है. इस तरह 'त्रिभंग' ऐसी फिल्म है जिसे एक बार देखना तो बनता है.
रेटिंगः 3.5/5 स्टार
डायरेक्टरः रेणुका शहाणे
कलाकारः काजोल, तन्वी आजमी, मिथिला पालकर और कुणाल रॉय कपूर
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