फिल्म जगत में एक चलन रहा है, एक्टर का बेटा भी एक्टिंग की दुनिया में आता है और अपनी किस्मत आजमाता है. डायरेक्टर का बेटा, डायरेक्टर बनता है. लेकिन इस ट्रेंड को तोड़ एक ऐसा सितारा निकला जिसने मेहनत और जज्बे से एक अलग राह चुनी और अपनी पहचान बनाई. श्रुतंजय नारायणन मशहूर साउथ डायरेक्टर, निर्माता, एक्टर और मिमिक्री आर्टिस्ट चिन्नी जयंत के बेटे हैं. लेकिन उन्हें सिर्फ़ अपने पिता के नाम से ही नहीं जाना जाता, बल्कि उन्होंने अपने लिए एक बेहद सम्मानित पद हासिल किया है. श्रुतंजय नारायणन ने UPSC परीक्षा पास करने के बाद प्रशासनिक सेवाओं में प्रवेश लिया और अपने दूसरे प्रयास में IAS अधिकारी बने.
श्रुतंजय ने गिंडी कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग से भौगोलिक सूचना विज्ञान और कार्टोग्राफी में ग्रेजुएशन किया और फिर अशोका विश्वविद्यालय से लिबरले आर्ट्स एंड साइंसेज/लिबरल स्टडीज़ में पोस्ट ग्रेजुएशन किया. श्रुतंजय नारायणन ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2019 में 75वीं रैंक प्राप्त की, जिसके नतीजे 2020 में घोषित किए गए.
चिन्नी जयंत कौन हैं
चिन्नी जयंत कई तमिल फिल्मों में मुख्य भूमिकाओं के अलावा हास्य अभिनेता और सहायक भूमिकाओं में भी नज़र आ चुके हैं. वह सगालाई बनाम रागलाई, कलक्का पोवथु यार और असथापोवथु यारुई जैसे शो के एक लोकप्रिय टीवी होस्ट भी हैं. उन्हें सिनेमा के क्षेत्र में उत्कृष्टता के लिए तमिलनाडु सरकार की ओर से दिया जाने वाला कलैमामणि पुरस्कार भी मिल चुका है. उन्हें यह पुरस्कार वल्लुवर कोट्टम में एक भव्य समारोह में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने दिया था.
आईएएस बनने के बाद क्या बोले श्रुतंजय
अपनी लिंक्डइन प्रोफ़ाइल के अनुसार, श्रुतंजय नारायणन ने यंग इंडिया फ़ेलोशिप से लिबरल आर्ट्स एंड साइंसेज/लिबरल स्टडीज़ में मास्टर डिग्री हासिल की है. आईएएस में चयन के बाद उन्होंने कहा, "यह ज़रूरी है कि आप रुकें नहीं और सीखते रहें. लगातार अभ्यास से सीखने की क्षमता बढ़ती है."
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