Celeb Childhood Photo: फोटो में सबसे किनारे खड़े बच्चे की क्यूटनेस पर किसे ना प्यार आ जाए. यह बच्चा बेहद खास है. यह बड़ा होकर बॉलीवुड का सुपरस्टार बना. इसने एक से बढ़ कर एक हिट फिल्में दी. इस बच्चे के दादा, पापा और भाई भी सुपरस्टार रह चुके हैं. वहीं भतीजा- भतीजी बॉलीवुड अब सुपरस्टार हैं. इसके पापा बॉलीवुड के शो मैन कहे जाते हैं. हालांकि बड़े बाप का बेटा होने के बाद भी इसने करियर में काफी स्ट्रगल किया और अपनी मेहनत से मुकाम पर पहुंचा.
अगर आपने अब तक इस बच्चे को नहीं पहचाना तो हम आपको बता दें यह एक्टर शशि कपूर के बचपन की फोटो है. फोटो में उनके साथ एक्ट्रेस मीना कुमारी की बहन बेबी माधुरी और बेबी शकुंतला हैं. यह फिल्म बचपन के सेट की फोटो है.
बता दें कि शशि कपूर (Shashi Kapoor) बॉलीवुड के सबसे प्यारे और लोकप्रिय एक्टर्स में से एक थे. दिवंगत एक्टर करिश्माई और आकर्षक व्यक्तित्व के मालिक थे. उनका स्माइल पर फैंस मरते थे. दशकों तक उन्होंने फैंस के दिलों पर राज किया. खासकर फीमेल फैंस उनकी दीवानी थीं और उनकी एक झलक पाने के लिए शूटिंग सेट के बाहर लाइन में लगी रहती थी. शशि कपूर ने 1961 में फिल्म धर्मपुत्र से बतौर एक्टर बॉलीवुड में डेब्यू किया. फिर वह शर्मीली, जब जब फूल खिले, दिल ने पुकारा, हसीना मान जाएगी, कन्यादान, प्यार का मौसम, और बॉम्बे टॉकीज जैसी कई फिल्मों में दिखे.
शशि कपूर ने जेनिफर केंडल से शादी की. दोनों ने साथ में जीवन के काफी उतार-चढ़ाव देखे, लेकिन सभी बाधाओं के बावजूद दोनों शादी के बंधन में बंधे. हालांकि, अपनी शादी के तुरंत बाद कपल को वित्तीय समस्याओं का सामना करना पड़ा था. उनके पास पैसे और काम की कमी थी. एक इंटरव्यू में शशि के बेटे कुणाल कपूर ने इस बारे में बात की थी.
2017 में Rediff.com के साथ एक इंटरव्यू में शशि कपूर के बेटे कुणाल कपूर ने खुलासा किया कि जब उनके पिता ने हिंदी फिल्मों में अपना करियर शुरू किया, तो उन्हें अपनी फिल्म के लिए एक एक्ट्रेस की तलाश थी. जब मेरे पिता को धर्मपुत्र में बतौर एक्टर लॉन्च किया गया था, तो कोई भी एक्ट्रेस उनके साथ काम नहीं करना चाहती थी. नंदा एकमात्र ऐसी अभिनेत्री थीं, जो उस समय एक स्टार होने के बावजूद उनके साथ काम करने के लिए तैयार हुईं. मेरे पिता ने केवल एक का निर्देशन किया था, वह फिल्म थी अजूबा."
कुणाल ने खुलासा किया था कि उनके पिता शशि को निर्देशन में कोई दिलचस्पी नहीं थी और उन्होंने कहा कि वह एक एक्टर के रूप शानदार थे. उन्होंने बताया कि शशि कपूर के पास 60 के दशक में काम नहीं था. तब वह और उनकी पत्नी वित्तीय संकट से जूझ रहे थे. तबउनके पिता को उनकी स्पोर्ट्स कार बेचनी पड़ी और शशि की पत्नी और कुणाल की मां जेनिफर केंडल ने भी इसी वजह से घर की चीजें बेचनी शुरू कर दी. 1971 में आई फिल्म शर्मीली के बाद उनकी स्थिति बेहतर हुई.
60 के दशक में जब एक्टर के पास काम नहीं था, तब परिवार ने बहुत खराब समय देखा. हालांकि बाद में परिवार की स्थिति सुधरी, लेकिन असमय पत्नी केंडल की मौत के बाद शशि कपूर को सदमा लगा और वह उबर नहीं पाए. उनका स्वास्थ्य खराब रहने लगा और वह अधिक शराब पीने लगे. उनके अंदर जीने की इच्छा खत्म हो गई थी.
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