
एक्टर बनने के लिए जुनून, चाहत और फिर उसके लिए कड़ी मेहनत बहुत जरूरी है. ऐसा ही एक एक्टर है, जिसकी मेहनत ने बॉलीवुड को एक ऐसी फिल्म दी, जो आज 13 साल बाद भी लोगों को याद आती है. पुजारी फैमिली से आने वाले इस एक्टर ने अपनी इस फिल्म से वर्ल्ड वाइड ऐसा जादू चलाया कि फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर 150 करोड़ रुपये के करीब कलेक्शन कर लिया. बात कर रहे हैं उस एक्टर की, जो एक ऐसे परिवार में पैदा हुआ, जहां उसके बड़े-बुजुर्ग सिर्फ और सिर्फ पुजारी ही थे. यह एक्टर भी घर-घर जाकर पूजा हवन करवाता था. आइए जानते हैं इस एक्टर के बारे में.
कौन है ये एक्टर-डायरेक्टर
यहां बात हो रही है एक्टर उमेश शुक्ला की. उन्होंने मिथुन की फिल्म यार गद्दार (1994) से डेब्यू किया था. इसके दो साल बाद 1996 में वह अक्षय कुमार की फिल्म खिलाड़ियों के खिलाड़ी में नजर आए थे. इतना ही नहीं टीवी के पॉपुलर शो जबान संभाल के में भी इन्होंने शानदार काम किया था, लेकिन इस वक्त तक भी उन्हें सफलता नहीं मिली थी. फिर एक्टर ने अपनी दिशा बदली और राइटर के साथ-साथ डायरेक्टर बन गए. उमेश ने अमिताभ बच्चन और ऋषि कपूर के साथ फिल्म '102 नॉट आउट' डायरेक्ट की. इसके बाद उन्होंने कुछ तो है (2003) के लिए डायलॉग, बचके रहना रे बाबा (2005) का स्क्रीनप्ले, फुल एन फाइनल (2007) की कहानी लिखी.
इस फिल्म से मिली पहचान
उमेश ने बतौर डायरेक्टर 2009 में फिल्म 'ढूंढते रह जाओगे' बनाई और फिर इसके तीन साल बाद अक्षय कुमार और परेश रावल को लेकर फिल्म OMG- ओह माय गॉड (2012) बनाई, जो आज भी दर्शकों की फेवरेट लिस्ट से बाहर नहीं हुई है. अब वह अपनी हालिया फिल्म हीर-एक्सप्रेस की तैयारी में जुटे हैं. डायरेक्टर ने अपने हालिया इंटरव्यू में बताया, "मैं अंधविश्वास और आस्था के अंतर को अच्छे से समझता हूं, मुझे पूजा-पाठ करवाने और इन अनुष्ठानों में बहुत कमी नजर आई, इस प्रोसेस में बहुत कुछ सच नहीं होता है, जैसा कि दिखता है. मैंने कई सवाल भी किये".
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