बलराज साहनी हिंदी सिनेमा जगत के वो प्रतिभाशाली अभिनेता थे जिनकी गिनती उन चुनिंदा अभिनेताओं में होती हैं, जिन्होंने एक आम आदमी के किरदार को सटीक तौर पर पर्दे पर उतारा. अपने अभिनय से हर किरदार को जीवंत करने वाले बलराज साहनी असल जीवन में भी काफी सौम्य थे. बलराज साहनी का असली नाम युधिष्ठिर साहनी था. 1 मई 1913 को रावलपिंडी में जन्मे बलराज साहनी 'दो बीघा ज़मीन' और 'गरम हवा' जैसी महान फिल्मों के लिए हमेशा याद किए जाएंगे.
उनकी अन्य लोकप्रिय फिल्मों में दो बीघा जमीन (1953), हकीकत (1964), काबुलीवाला (1961), दो रास्ते (1969) और वक्त (1965) शामिल हैं. कहा जाता है कि बलराज साहनी जिस तरह की नेचुरल एक्टिंग करते थे, वैसा कर पाना आज के दौर के एक्टर्स के लिए काफी मुश्किल है. आज भी बॉलीवुड के टॉप के एक्टर्स बलराज साहनी को अपना फेवरेट एक्टर बताते हैं. अपने क्रांतिकारी विचारों की वजह से उन्हें जेल भी जाना पड़ा था. उस दौरान बलराज साहनी फिल्म 'हलचल' की शूटिंग कर रहे थे और प्रोड्यूसर की रिक्वेस्ट पर विशेष व्यवस्था के तहत पिक्चर की शूटिंग किया करते थे, शूटिंग खत्म होने के बाद फिर जेल चले जाते थे.
Balraj Sahni meets Indira Gandhi (1961). pic.twitter.com/Byx8NBUVQ4
— Film History Pics (@FilmHistoryPic) June 19, 2022
बहुत ही कम लोग जानते थे कि बलराज साहनी का महात्मा गांधी से भी नाता था. अपने जीवन में महात्मा गांधी ने अगर किसी अभिनेता से मुलाकात की तो वह थे बलराज साहनी. फिल्मों में कदम रखने से पहले बलराज साहनी 1938 में महात्मा गांधी के साथ सेवाग्राम आश्रम में काम करते थे. साल 1961 में बलराज साहनी इंदिरा गांधी से भी मिले थे, इंदिरा 1973 में प्रकाशित हुई बलराज के भाई भीष्म साहनी की किताब 'तमस' से काफी प्रभावित हुई थीं. ट्विटर पर शेयर हुई एक पुरानी तस्वीर में इंदिरा गांधी और बलराज को एक साथ बैठे देखा जा सकता है.
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