कहते हैं वक्त बदलते वक्त नहीं लगता और कुछ ऐसा ही हुआ तमिल एक्टर अरविंद स्वामी के साथ. अरविंद ने अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत मणि रत्नम जैसे बड़े डायरेक्टर के साथ की. महज 20 साल की उम्र में उन्होंने मणि रत्नम की फिल्म थलपति से तमिल फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा. इसके बाद साल 1992 में रोजा और 1995 में बॉम्बे जैसी फिल्मों ने बतौर एक्टर इंडस्ट्री में उनकी स्थिति और मजबूत की. अरविंद स्वामी के एक्टिंग करियर में एक ऐसा वक्त भी आया जब उन्हें रजनीकांत और कमल हासन जैसे दिग्गज अभिनेताओं का उत्तराधिकारी माना जाने लगा.
लेकिन समय ने ऐसी करवट ली की एक के बाद एक उनकी सभी फिल्में फ्लॉप होती गई. बॉक्स ऑफिस पर मिल रही नाकामयाबी से अरविंद इतने निराश हो गए की एक्टिंग ही छोड़ दी. एक्टिंग छोड़ने के बाद उन्होंने बिजनेस की ओर रुख किया जहां उन्हें भारी सफलता भी मिली. उन्होंने पहले अपने पिता का बिजनेस संभाला और फिर बाद में खुद की कंपनी भी खड़ी की.
3300 करोड़ की कंपनी
2000 के दौरान अरविंद ने लगातार फ्लॉप फिल्मों के चलते एक्टिंग को अलविदा कह बिजनेस की दुनिया में कदम रखा. उन्होंने अपने पिता की कंपनी वी डी स्वामी एंड कंपनी को संभालना शुरू किया. इसके बाद उन्होंने टैलेंट मैक्सिमम नाम की खुद की कंपनी की शुरुआत की जिसके ठीक बाद 2005 में वो एक दुर्घटना के शिकार हो गए. एक्सीडेंट में उनके पैर आंशिक रूप से पैरालाइज हो गए जिसका इलाज लगभग 4 से 5 साल तक चला और उन्हें काफी तकलीफ भी सहनी पड़ी. बावजूद इसके उन्होंने कंपनी का पूरा काम संभाला और 2022 में टैलेंट मैक्सिमम का रेवेन्यू 3300 करोड़ रहा.
फिल्मों में कमबैक
एक्टिंग छोड़ बिजनेस की दुनिया में चले जाने के बावजूद अरविंद के अंदर का एक्टर जिंदा रहा. यही कारण है कि बिजनेस में सफलता हासिल करने के बाद उन्होंने एक बार फिर फिल्मों की ओर रुख किया. 2021 में अरविंद स्वामी ने कंगना रनौत स्टारर तमिल-हिन्दी द्विभाषी फिल्म थलाइवी से कमबैक किया. इस फिल्म में एक्टर ने कंगना के अपोजिट एम जी रमाचंद्रन का किरदार निभाया.
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