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रेखा, जीनत अमान और परवीन बॉबी के दौर में रातोंरात फेमस हुई ये 70s की एक्ट्रेस, शादीशुदा जिंदगी में झेला दर्द

This 70s actress rose to fame overnight during era of Rekha Zeenat Aman and Parveen Babi: रेखा, जीनत अमान और परवीन बॉबी के दौर में विद्या सिन्हा ने रातोंरात पहचान बनाई. लेकिन क्या आप जानते हैं कि उन्होंने 18 साल की उम्र में मॉडलिंग शुरू कर दी थी. 

रेखा, जीनत अमान और परवीन बॉबी के दौर में रातोंरात फेमस हुई ये 70s की एक्ट्रेस, शादीशुदा जिंदगी में झेला दर्द
70 के दशक की मशहूर अदाकारा थी ये हीरोइन
नई दिल्ली:

70 के दशक में रेखा, जीनत अमान और परवीन बॉबी जैसे नामी स्टार्स के बीच बॉलीवुड एक्ट्रेस विद्या सिन्हा ने अपनी अलग पहचान बनाई. उनकी मासूमियत, सादगी और अदाकारी ने लोगों का दिल जीता. वह सिर्फ फिल्मों में ही नहीं, बल्कि असल जिंदगी में भी काफी ग्लैमरस और आत्मविश्वासी थीं. उनकी फिल्मी यात्रा की शुरुआत मॉडलिंग से हुई थी, और इसी दौर में उन्हें मिस बॉम्बे का खिताब भी मिला. यह सफलता ही उन्हें बॉलीवुड की दुनिया में ले गई और बासु चटर्जी की फिल्म 'राजा काका' में उनके अभिनय की शुरुआत हुई. 

विद्या सिन्हा का जन्म 15 नवंबर 1947 को मुंबई में हुआ था. उनके पिता राणा प्रताप सिंह फिल्म निर्माता थे, इसलिए फिल्मों का माहौल उनके जीवन का हिस्सा था. विद्या बचपन से ही पढ़ाई में होशियार थीं. 18 साल की उम्र में उन्होंने एक ब्यूटी कॉन्टेस्ट में हिस्सा लिया और जीतकर मिस बॉम्बे का खिताब अपने नाम किया. 

इस सफलता ने मॉडलिंग की दुनिया में उनका नाम आगे बढ़ाया. मॉडलिंग के दौरान उनकी खूबसूरती ने फिल्म निर्माताओं का ध्यान खींचा. इसी कड़ी में प्रसिद्ध निर्देशक बासु चटर्जी ने उन्हें फिल्म 'राजा काका' में कास्ट किया, जो उनकी पहली फिल्म थी. लेकिन, असली पहचान उन्हें 1974 में आई फिल्म 'रजनीगंधा' से मिली. 

फिल्म 'रजनीगंधा' मन्नू भंडारी की कहानी 'सच यही है' पर बनाई गई थी. इसमें विद्या ने अपने किरदार में मासूमियत और सरलता का ऐसा मिश्रण दिखाया कि लोग उन्हें पसंद करने लगे. फिल्म का गाना 'रजनीगंधा फूल तुम्हारे' आज भी लोगों की यादों में ताजा है. इस फिल्म की सफलता ने उन्हें बॉलीवुड में नया मुकाम दिलाया और उन्होंने राजेश खन्ना, शशि कपूर, संजीव कुमार, उत्तम कुमार और विनोद खन्ना जैसे बड़े सितारों के साथ काम किया. 

वहीं, विद्या को निजी जीवन में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा. उन्होंने 1976 में वेंकटेश्वर अय्यर से शादी की. शादी के कुछ समय बाद ही उनके पति बीमार हो गए और 1996 में उनका निधन हो गया. इस दुखद घटना के बाद विद्या ने कुछ समय के लिए अभिनय से दूरी बना ली और ऑस्ट्रेलिया चली गईं. 

ऑस्ट्रेलिया में उनका जीवन थोड़ा बदल गया और उन्होंने फिर से प्यार को मौका दिया. 2001 में उन्होंने नेताजी भीमराव सालुंखे से शादी की. हालांकि, यह रिश्ता ज्यादा दिन तक टिक नहीं पाया और 2009 में दोनों का तलाक हो गया. निजी जीवन में उतार-चढ़ाव के बावजूद, विद्या ने हमेशा अपनी बेटी जाहवी का ख्याल रखा और पेशेवर जिंदगी में कभी पीछे नहीं हटीं. 

विद्या सिन्हा ने फिल्मों के अलावा टीवी शोज में भी अपनी अदाकारी का लोहा मनवाया. उन्होंने 'काव्यांजलि', 'हार जीत', 'इश्क का रंग सफेद', 'चंद्र नंदिनी', और 'कुल्फी कुमार बाजेवाला' जैसे लोकप्रिय धारावाहिकों में काम किया. उनकी आखिरी फिल्म सलमान खान स्टारर 'बॉडीगार्ड' थी, और आखिरी टीवी शो 'कुल्फी कुमार बाजेवाला' में उन्होंने कुल्फी की दादी का किरदार निभाया. विद्या सिन्हा का निधन 15 अगस्त 2019 को हुआ. 72 साल की उम्र में उन्होंने मुंबई में अंतिम सांस ली. 

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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