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This Article is From Feb 23, 2024

साउथ की इस फिल्म पर सेंसर बोर्ड भी नहीं चला पाया कैंची, ना बीप ना कट दर्शक देख पाएंगे पूरी फिल्म विदाउट कट

Sundaram Master: कोई भी फिल्म रिलीज होने से पहले सेंसर बोर्ड के पास अप्रूव होने जाती है, जिसमें कुछ कट और सेंसर होने के बाद फिल्में रिलीज की जाती है. लेकिन हाल ही में एक ऐसी फिल्म रिलीज हुई जिसमें सेंसर बोर्ड की जरा सी भी कैंची नहीं चली.

साउथ की इस फिल्म पर सेंसर बोर्ड भी नहीं चला पाया कैंची, ना बीप ना कट दर्शक देख पाएंगे पूरी फिल्म विदाउट कट
सेंसर बोर्ड की क्या चीज चले बिना ही रिलीज हो गई रवि तेजा की फिल्म, फोटो- youtube/RT Team Works
नई दिल्ली:

साउथ सुपरस्टार रवि तेजा के प्रोडक्शन हाउस में बनी फिल्म सुंदरम मास्टर (Sundaram Master) 23 फरवरी को बड़े पर्दे पर रिलीज हुई, लेकिन सबसे बड़ी बात ये है कि इस फिल्म में सेंसरशिप प्रोसेस के दौरान कोई भी कट या म्यूट नहीं लगाया गया. आज के समय में ऐसा होना काफी रेयर है, क्योंकि फिल्मों में इस तरीके का कंटेंट दिखाया जा रहा है जिसके चलते सेंसर बोर्ड को फिल्मों में कुछ कट लगाने पड़ते हैं या फिल्मों के कुछ सीन को म्यूट करना पड़ता है. लेकिन तेलुगू फिल्म सुंदरम मास्टर एक ऐसी फिल्म है जिसमें सेंसर बोर्ड की जरा सी भी कैंची नहीं चली और ये फिल्म बिना सेंसरशिप के 23 फरवरी को बड़े पर्दे पर रिलीज की गई.

बेहद इंटरेस्टिंग है सुंदरम मास्टर की स्टोरी लाइन

साउथ इंडस्ट्री में मास महाराज के नाम से मशहूर रवि तेजा ने सुंदरम मास्टर फिल्म का प्रोडक्शन किया है. ये फिल्म एक ऐसे टीचर के बारे में है जिसे अंग्रेजी नहीं आती है, फिर भी दूसरों को अंग्रेजी सिखाता है. इस फिल्म में आपको बेहतरीन स्टोरी लाइन तो मिलेगी ही साथ ही हंसी मजाक और एक्टर्स की बेहतरीन परफॉर्मेंस भी देखने को मिलेगी. बता दें कि सुंदरम मास्टर का डायरेक्शन कल्याण संतोष ने किया है. वहीं, इस फिल्म में हर्ष चेमुडू मैन रोल में नजर आएंगे, यह उनकी डेब्यू फिल्म है.

23 फरवरी को रिलीज हुई सुंदरम मास्टर 

तेलुगू फिल्म सुंदरम मास्टर 23 फरवरी 2024 को बड़े पर्दे पर रिलीज की गई. इससे पहले इस फिल्म का प्रीमियम हैदराबाद में आयोजित किया गया था. ये  फिल्म एक आदिवासी गांव पर बेस्ड है, जहां पर लोग आराम से अपनी जिंदगी गुजार रहे होते हैं, लेकिन एक दिन एंट्री होती है एक मास्टर की. इस मास्टर का काम होता है गांव वालों को इंग्लिश सीखना, लेकिन सबसे बड़ी बात तो ये  होती है कि जिस गांव में वो इंग्लिश पढ़ाने आते हैं वहां के लोगों को पहले से ही अंग्रेजी आती है और ये टीचर ऐसा होता है, जिसे इंग्लिश नहीं आती है. यह कहानी इसी के ईद-गिर्द घूमती है.

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