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धर्मेंद्र की निजता भंग करने वालों पर होगी सख्त कार्रवाई! पुलिस में हुई शिकायत

आईएफएटीडीए (IFATDA) ने धर्मेंद्र की निजता भंग करने वालों पर सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए की पुलिस में शिकायत दर्ज की.

धर्मेंद्र की निजता भंग करने वालों पर होगी सख्त कार्रवाई! पुलिस में हुई शिकायत
धर्मेंद्र की निजता भंग करने वालों पर सख्त कार्रवाई की मांग
नई दिल्ली:

इंडियन फिल्म एंड टेलीविजन डायरेक्टर्स एसोसिएशन (आईएफएटीडीए) ने एक्टर धर्मेंद्र की बीमारी के दौरान पपराजी और मीडिया के अमानवीय व्यवहार की कड़ी निंदा की है. एसोसिएशन के अध्यक्ष और फिल्म निर्माता-निर्देशक अशोक पंडित ने पुलिस को औपचारिक शिकायत पत्र सौंपते हुए ऐसे लोगों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई की मांग की. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम पर लेटर की कॉपी भी शेयर की, जिसमें लिखा है, "कुछ असत्यापित पपराजी और ऑनलाइन मीडिया संचालकों के खिलाफ औपचारिक शिकायत दर्ज कराना चाहता हूं, जिन्होंने भारतीय सिनेमा के सबसे सम्मानित दिग्गजों में से एक, पद्म भूषण धर्मेंद्र जी की बीमारी से संबंधित हालिया कवरेज में शालीनता और नैतिकता की सभी सीमाओं को पार कर दिया. कुछ असामाजिक तत्वों ने धर्मेंद्र जी के घर में घुसकर उनकी निजता का उल्लंघन किया. बिना अनुमति के परिवार के सदस्यों के फोटो-वीडियो बनाए गए और सनसनी फैलाने के लिए सोशल मीडिया पर वायरल कर दिए गए."

आईएफएटीडीए ने इसे पूरी तरह अमानवीय, अनैतिक और गैर-कानूनी बताया है. अशोक पंडित ने कहा, “हमारे सिनेमा के दिग्गज कोई वस्तु नहीं हैं, वे इंसान हैं. बीमारी और निजी संकट के समय भी उनकी गरिमा का सम्मान करना चाहिए. यह व्यवहार न सिर्फ नैतिक रूप से गलत है, बल्कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत मिले निजता के अधिकार का भी उल्लंघन है. यह भारतीय दंड संहिता और इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट के तहत आपराधिक अपराध है.”

लेटर में आगे लिखा है, "आईएफएटीडीए ने स्पष्ट किया कि इस तरह की हरकतें सिर्फ एक व्यक्ति को नहीं, पूरी फिल्म इंडस्ट्री की गरिमा को ठेस पहुंचाती हैं और मीडिया की विश्वसनीयता को भी कम करती हैं. एसोसिएशन ने पुलिस से अपील की है कि दोषियों की तुरंत पहचान की जाए, उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई हो और भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों, इसके लिए ठोस कदम उठाए जाएं. शिकायत में विशेष रूप से कहा गया कि फिल्मी हस्तियां चाहे जितनी बड़ी हों, उनके साथ भी इंसानों जैसा व्यवहार होना चाहिए. खासकर बीमारी या दुख की घड़ी में उनकी प्राइवेसी का सम्मान सबसे जरूरी है.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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