‘मेरे सपनों की रानी कब आएगी तू' गाना तो आपने कई बार सुना ही होगा. बेशक वह दिन चाहे चित्रहार के रहे हों या फिर केबल टीवी. आराधना फिल्म के इस गाने में राजेश खन्ना अपने दोस्त सुजित कुमार के साथ गाड़ी में गाना गाते नजर आते हैं, जबकि टॉय ट्रेन में बैठी शर्मिला टैगोर एक किताब पढ़ रही होती हैं और राजेश खन्ना के गाने से इम्प्रेस करने की कोशिश का भरपूर लुत्फ भी लेती हैं. यह फिल्म का यादगार सॉन्ग है और बेहद रोमांटिक भी. बेशक राजेश खन्ना इस गाने में शर्मिला टैगोर को इम्प्रेस करने में सफल भी रहते हैं. लेकिन अक्सर दर्शकों का ध्यान उस किताब की ओर जाता है, जिसे शर्मिला टैगोर पढ़ने की नाकाम कोशिश करती नजर आती हैं.
शर्मिला टैगोर की हाथों की इस किताब हमेशा कौतूहल का विषय रही है. बेशक कई लोग इसका नाम यूट्यूब के दौर में अच्छे से जान भी गए होंगे. फिर भी हम बता देते हैं कि शर्मिला टैगोर के हाथ में जो किताब है, वह एलिस्टेर मैक्लीन की ‘व्हेन ऐट बेल्स टॉल' है. यह किताब एलिस्टेर मैक्लीन की लोकप्रिय किताबों में से है और शर्मिला टैगोर इसी किताब के जरिये राजेश खन्ना को अवॉयड करती भी नजर आती हैं.
राजेश खन्ना और शर्मिला टैगोर की आराधना 27 सितंबर, 1969 को रिलीज हुई थी. फिल्म को शक्ति सामंत ने डायरेक्ट किया था, और शर्मिला टैगोर को फिल्म के लिए फिल्मफेयर का बेस्ट एक्ट्रेस का अवॉर्ड मिला था, जबकि आराधना को बेस्ट फिल्म का फिल्मफेयर मिला.
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