
सुभाई घई की फिल्म खलनायक, 1993 में रिलीज हुई और इस साल की सबसे सफल फिल्मों में शामिल हुई. फिल्म में संजय दत्त, माधुरी दीक्षित और जैकी श्रॉफ मुख्य भूमिकाओं में थे. संगीत लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल ने दिया था और गीत आनंद बख्शी ने लिखे थे. इस फिल्म एक गाना, "चोली के पीछे क्या है", इतना लोकप्रिय हुआ कि सिर्फ़ एक हफ़्ते में ही इसके 1 करोड़ ऑडियो कैसेट बिक गए. आनंद बख्शी ने सुभाष घई से फ़ोन पर इस गाने की शुरुआती लाइन्स लिखवाईं. कहा जाता है कि पहली पंक्ति लिखने के बाद, सुभाष घई इतने अधिक प्रभावित हुए उन्होंने पेन ड्रॉप कर दिया.
एक इंटरव्यू में, सुभाष घई ने इस गाने के मेकिंग के पीछे की कहानी साझा की. उन्होंने बताया कि वह म्यूजिक डायरेक्टर लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल और गीतकार आनंद बख्शी के साथ बैठे थे, तब आनंद बख्शी ने पूछा कि सुभाष जी किस तरह का गाना चाहते हैं. सुभाष घई ने पूरा सीन समझाया: एक महिला पुलिस अधिकारी खलनायक को रिझाने की कोशिश कर रही थी.
आनंद बख्शी ने शुरुआती लाइन, "चोली के पीछे क्या है" लिखवाई, जिससे सुभाष घई इतने चौंक गए कि उनकी कलम गिर गई. आनंद बख्शी ने उन्हें दूसरी लाइन बताई, "चोली में दिल है मेरा, जो दिल मैं दूंगी अपने यार को, प्यार को." रिलीज़ होने पर, इस गाने को हिंदी सिनेमा में एक मील का पत्थर माना गया और पहले ही हफ़्ते में इसकी 1 करोड़ से ज़्यादा कॉपीज बिक गईं.
दिलचस्प बात यह है कि सुभाष घई ने खलनायक का जोरदार प्रोमोशन नहीं करने का फैसला किया. एक इंटरव्यू में, उन्होंने बताया कि मार्केटिंग के लिए 15 दिन होने के बावजूद, संजय दत्त की कानूनी परेशानियों के कारण फिल्म का प्रमोशन अपने आप हो गया, जिससे विवाद छिड़ गया. हिट गाने "चोली के पीछे क्या है" ने भी विरोध प्रदर्शन भड़काया और कुछ लोगों ने फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग की. सुभाष घई ने फिल्म की सफलता के प्रति आश्वस्त होकर अपना प्रमोशन बजट बचा लिया.
सुपरहिट रही फिल्म
6 अगस्त, 1993 को रिलीज़ हुई "खलनायक" में संजय दत्त ने निगेटिव रोल निभाया था जो बेहद लोकप्रिय हुआ. संजय दत्त पर फिल्माए गए गाने "नायक नहीं खलनायक हूं मैं" ने दर्शकों को सिनेमाघरों में झूमने पर मजबूर कर दिया. फिल्म में कुल नौ गाने थे और इसने 24 करोड़ रुपये की कमाई की, जो एक ब्लॉकबस्टर और 1993 की दूसरी सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म बन गई.
संजय दत्त की गिरफ्तारी
फिल्म के क्लाइमेक्स की शूटिंग के तुरंत बाद संजय दत्त को 1993 के मुंबई बम धमाकों के सिलसिले में गिरफ्तार कर लिया गया. बॉलीवुड में कई लोगों को फिल्म की असफलता का डर था और इस पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई, जिसके कारण विरोध प्रदर्शन हुए.
सुभाष घई ने दस प्रीमियर शो आयोजित करके जवाब दिया, जहां माधुरी दीक्षित के साथ संजय दत्त की मौजूदगी ने भारी भीड़ खींची. संजय दत्त की सार्वजनिक छवि का फायदा उठाते हुए, फिल्म को अपनी डेट रिलीज़ किया गया और सुभाष घई के विश्वास को बॉक्स ऑफिस पर जबरदस्त सफलता मिली.
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