सच्ची घटना पर आधारित फिल्म 200-हल्ला हो में रिंकू राजगुरु एक शानदार किरदार में नजर आने वाली हैं. NDTV इंडिया से बातचीत के दौरान रिंकू ने अपने मन की कई बातें साझा कीं, लेकिन इससे पहले हम आपको बता दें कि रिंकू का फिल्मी सफर कैसे शुरु हुआ. रिंकू ने फिल्म 'सैराट' से अपना फिल्मी करियर शुरु किया था. अब 20 साल की रिंकू बॉलीवुड में भी अपने कदम फिल्म 'झुंड' से जमा चुकी हैं. फिल्म के रिलीज होने का इंतजार है. फिलहाल तो वह अपनी आने वाली फिल्म '200 हल्ला हो' को लेकर सुर्खियां बटोर रही हैं. बता दें कि सार्थक दास गुप्ता द्वारा निर्देशित और लिखी गई फिल्म को 20 अगस्त को जी 5 पर रिलीज किया जाएगा.
क्या है इस फिल्म की कहानी ?
यह कहानी दलित महिलाओं के ऊपर आधारित है. जिन्हें एक समय ऐसा भी आता है जब कानून आपने हाथ में लेना पड़ जाता है. फिल्म की कहानी आपकी सोच जरूर बदलेगी.
इस छोटी सी उम्र में इस फिल्म को लेकर कैसा रहा एक्सपीरियंस ?
मेरी उम्र छोटी है मैंने अभी तक यह सब नहीं देखा था कि महिलाओं के साथ यह सब भी होता आ रहा है. जैसे ही इस फिल्म की कहानी सुनी, मेरे रोंगटे खड़े हो गए. महिलाओं के साथ इतना कुछ हो रहा है कि इसे एक शब्द में बयां कर पाना मुश्किल है. मैंने इस फिल्म से बहुत कुछ सीखा है. इस फिल्म के जरिए ऐसी सच्चाई सामने आई है जिसने मुझे झकझोर दिया.
सीनियर एक्टर्स के साथ कैसी रही आपकी ट्यूनिंग ?
सेट पर मैं सबसे छोटी थी. इसलिए मुझे सभी लोगों का प्यार मिला, इस फिल्म में अमोल पालेकर कमबैक कर रहे हैं. उनसे बहुत कुछ सीखा. उनके अलावा फिल्म में बरुण सोबती हैं और साहिल खट्टर भी अहम किरदार में नजर आ रहे हैं और मैंने हर एक से कुछ ना कुछ सीखा ही है.
जैसा फिल्म का टाइटल है कभी आपको हल्ला बोलने की जरूरत पड़ी ?
नहीं मेरे साथ कभी ऐसा नहीं हुआ और प्रार्थना करती हूं कि किसी को कभी इसकी जरूरत ना पड़े.
कम उम्र से फिल्मों में हैं. कैसा रहता है जब आप अपने स्कूल के दोस्तों से मिलती हैं ?
आहह!!!!... मैं स्कूल नहीं गई. मैंने बाहर जाकर पढ़ाई नहीं की. जब से मैंने फिल्मों में काम करना शुरू किया है. मैं ना तो स्कूल जा पाती थी और ना ही अपने दोस्तों से मिल पाती थी. मैं बाकी लोगों कि तरह कभी अपने दोस्तों के साथ घूमने नहीं गई और ना ही कभी साथ में टिफिन शेयर करने का मौका मिका.
क्या आप स्कूल के दोस्तों को मिस करती हैं ?
जी हां, याद तो आती है, लेकिन कुछ पाने के लिए कुछ खोना पड़ाता है तो शायद यह वही था फिर भी मैं अपने आपको भाग्यशाली कहूंगी कि इस छोटी उम्र में लोग मुझे पसंद करते हैं मुझे जानते हैं.
आपकी फिल्म महिलाओं के ऊपर आधारित है तो आप बाकी महिलाओं से क्या कहना चाहेंगी?
मेरी बात जिन तक पहुंच रही है मैं उनसे कहूंगी की जीवन में कभी भी आपको अपने हक के लिए लड़ना पड़ा तो आप लड़ें चुप्पी ना साधें.
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