रानी मुखर्जी (Rani Mukherjee) की पिछले साल रिलीज़ हुई सुपरहिट फ़िल्म, 'मर्दानी-2' दर्शकों के बीच बेहद लोकप्रिय हुई थी, क्योंकि अपनी शानदार कहानी के जरिए इसने देश को झकझोर कर रख दिया और लोगों को दिल थामकर देखने पर मजबूर कर दिया. यह फिल्म भारत में जूविनाइल्स (किशोरों) द्वारा महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराध की सच्ची घटनाओं से प्रेरित है. लोगों के बीच जबरदस्त रोमांच जगाने वाली इस थ्रिलर फ़िल्म में रानी ने समय को मात देते हुए उस खूंखार सीरियल रेपिस्ट को धर दबोचा, जो एक के बाद एक महिलाओं को अपना शिकार बनाता था. मीडिया जगत के साथ-साथ क्रिटिक्स की ओर से भी इस फ़िल्म को खूब तारीफ मिली और इसने खतरों का सामना करने वाली फीमेल-कॉप फ्रैंचाइज़ी को कामयाबी की बुलंदियों तक पहुंचा दिया. इस जबरदस्त थ्रिलर के एक साल पूरे होने के मौके पर, रानी खुलकर बताती हैं कि किस वजह से मर्दानी फ्रैंचाइज़ी उनके दिल के बेहद करीब है.
एक्ट्रेस रानी मुखर्जी (Rani Mukherjee) कहती है कि, "मर्दानी फ्रैंचाइज़ी मेरे लिए बहुत मायने रखती है, न केवल इसलिए कि इस फ़िल्म में वुमन एंपावरमेंट और महिलाओं पर होने वाले ज़ुल्म की बात की गई है और एक महिला इस फ़िल्म की सबसे मुख्य किरदार है जो इस तरह के जुल्म के खिलाफ खड़ी है, बल्कि यह फ़िल्म हमें इस बात की सीख भी देती है कि महिलाओं के लिए बहुत सी बातों के प्रति जागरूक होना आवश्यक है. इसमें उन सभी चीजों के बारे में बात की गई है, क्योंकि समाज में हम हमेशा पॉजिटिव चीजों को देखने की कोशिश करते हैं. हम हमेशा पॉजिटिविटी और अच्छी-अच्छी चीजों के बारे में सोचना चाहते हैं, लेकिन सच्चाई यही है कि कुछ लोगों के इरादे बुरे होते हैं और जिस दिन किस्मत हमारे साथ नहीं हो उसी दिन हमें उनका सामना करना पड़ सकता है."
रानी (Rani Mukherjee) आगे कहती हैं, "तो, मुझे लगता है कि मर्दानी वुमन एंपावरमेंट पर आधारित एक ऐसी फ़िल्म है जो महिलाओं को यह सोचने की ताक़त देती है कि, वे भी काफी स्ट्रांग हैं. मेरे ख़्याल से, मर्दानी एक फ्रैंचाइज़ी के रूप में महिलाओं को काफी हौसला और साहस देती है. इस फ़िल्म को देखते समय उन्हें अपने भीतर छिपी ताक़त का एहसास होता है, इसलिए मुझे लगता है कि पूरी फ्रैंचाइज़ी को इसी उद्देश्य के लिए बनाया गया था. वाकई हम इस फ़िल्म को लोगों के बीच जिस तरह पहुंचाना चाहते थे उसमें हम सफल रहे हैं, और इसी वजह से यह फ्रैंचाइज़ी मेरे लिए काफी स्पेशल है. जब एक फ़िल्म-मेकर के तौर पर, और इस प्रोजेक्ट से जुड़े लोगों के रूप में हमने यह फ़िल्म बनाने का फैसला लिया था, तो इससे हमें भी काफी उम्मीदें थीं, और सच कहूं तो यह बात मेरे दिल को छू गई कि हम उन उम्मीदों पर खरे उतरे और महिलाओं की भावनाओं को पर्दे पर प्रस्तुत करने में कामयाबी पाई."
रानी ने खुलासा किया कि, उन्हें देश भर की महिला पुलिस-कर्मियों से इस फ़िल्म को लेकर इतना शानदार रिएक्शन मिला है जिसकी उन्होंने कल्पना नहीं की थी. वे कहती हैं, "जब भी मैं किसी लेडी-कॉप से मिली हूं, तो इस फ़िल्म की तारीफ़ करने के साथ-साथ उन्होंने पर्दे पर शिवानी शिवाजी रॉय के किरदार के बारे में भी शानदार रिएक्शन दिया है. उन्हें लगता है कि यह बड़ी पॉजिटिव बात है, क्योंकि इस फ़िल्म में उन सभी चीजों को एक साथ दिखाया गया है जिसका सामना उन्हें अपने करियर और ज़िंदगी के दौरान करना पड़ता है. सच कहूं तो इसका पूरा क्रेडिट फ़िल्म के राइटर के साथ-साथ उन लोगों को जाना चाहिए जिन्होंने एक फ्रैंचाइज़ी के रूप में इसकी कल्पना की, जिसमें आदि, गोपी (पुथरान- डायरेक्टर और राइटर), प्रदीप दा (सरकार) शामिल हैं, क्योंकि मेरा मानना है कि कोई भी एक्टर किसी किरदार को पर्दे पर अच्छी तरह तभी निभा सकता है जब उसे अच्छी तरह लिखा जाए और इससे जुड़ी बारीकियों के बारे में विस्तार से बताया जाए."
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