Rajesh Khanna Anand Movie 10 Dialogues: राजेश खन्ना बॉलीवुड के वो सुपरस्टार हैं, जिनका नाम किसी खिताब का मोहताज नहीं है. उनका एक्टिंग का अंदाज और स्टाइल ऐसा था कि आज भी लोग उनके दीवाने हैं. यहां तक कि सोशल मीडिया पर उनकी फैन फॉलोइंग कम नहीं हुई है. हालांकि राजेश खन्ना की एक ऐसी फिल्म ऐसी है, जिसने दर्शकों के दिलों में ऐसी खास जगह बनाई कि उनके जाने के बाद फिल्म के गाने से लेकर डायलॉग लोगों की जबां पर छा गए. जी हां हम बात कर रहे हैं 1971 में आई फिल्म आनंद की, जिसमें राजेश खन्ना और अमिताभ बच्चन की बेजोड़ कैमेस्ट्री ने दर्शकों का दिल जीत लिया. इसमें ग्रेट एक्टिंग के साथ बोले गए इमोशनल और दिल छू लेने वाले डायलॉग आज भी फैंस के दिलों में बसते हैं. आपको याद हैं क्या...
पहला- बाबुमोशाय जिंदगी बड़ी होनी चाहिए लंबी नहीं.. और दूसरा-जब तक जिंदा हूं तब तक मरा नहीं... जब मर गया साला मैं ही नहीं...
तीसरा- हम आने वाले गम को खींच तान कर आज की खुशी पे ले आते हैं... और उस खुशी में जहर घोल देते हैं.
चौथा- मानता हूं कि जिंदगी की ताकत मौत से ज्यादा बड़ी है... लेकिन यह जिंदगी क्या मौत से बत्तर नहीं.
पांचवा- आनंद मरा नहीं, आनंद मरता नहीं. छठा- ये भी तो नहीं कह सकता मेरी उमर तुझे लग जाए.
सातवां- कब कौन कैसे उठेगा... यह कोई नहीं बता सकता.
आठवां- मौत तो एक पल है...
नौंवा- मौत एक कविता है... मुझसे एक कविता का वादा है मिलेगी मुझको... डूबती नब्जों में जब दर्द को नींद आने लगे... जरा सा चेहरा लिए चांद उफतक पहुंचे... दिन अभी पानी में हो रात किनारे के करीब... ना अंधेरा, ना उजाला हो... ना अभी रात, ना दिन...जिस्म अब खत्म हो और रुह को जब सांस आए... मुझसे एक कविता का वाजा है मिलेगी मुझको.
दंसवा- बाबुमोशाय, जिंदगी और मौत ऊपर वाले के हाथ है... उससे ना तो आप बदल सकता है ना मैं... हम सब तो रंगमंत की कठपुतलियां हैजिनकी जोर उपरवाले की उंगलियों में बंधी है.
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