विज्ञापन

वो साइकेट्रिस्ट, जो बॉलीवुड में आते ही बन गया सुपरस्टार, स्मिता पाटिल का बना हीरो, फिर बना ऐसा विलेन...

आज हम आपको 80-90 के दशक के एक ऐसे अभिनेता के बारे में बताने जा रहे हैं, जो पहले साइकेट्रिस्ट बने और फिर फिल्मों में एक्टिंग कर सभी को अपना दीवाना बना दिया. सबसे खास बात ये है कि वह फेमस एक्ट्रेस स्मिता पाटिल के साथ रोमांस कर चुके हैं.

वो साइकेट्रिस्ट, जो बॉलीवुड में आते ही बन गया सुपरस्टार, स्मिता पाटिल का बना हीरो, फिर बना ऐसा विलेन...
मोहन आगाशे कर चुके हैं स्मिता पाटिल संग रोमांस
नई दिल्ली:

कार्तिक आर्यन, कृति सेनन ऐसे कई कलाकार हैं, जो इंजीनियरिंग कर चुके हैं और फिर फिल्मों में एंट्री ली. वहीं कम ही ऐसा सुनने को मिलता है कि किसी डॉक्टर ने फिल्मों में काम किया है. अगर आज के दौर की बात करें, तो शायद ही कोई नाम ऐसा हो, लेकिन आज हम आपको 80-90 के दशक के एक ऐसे अभिनेता के बारे में बताने जा रहे हैं, जो पहले साइकेट्रिस्ट बने और फिर फिल्मों में एक्टिंग कर सभी को अपना दीवाना बना दिया. सबसे खास बात ये है कि वह फेमस एक्ट्रेस स्मिता पाटिल के साथ रोमांस कर चुके हैं. आइए जानते हैं उनके बारे में.

महाराष्ट्र में हुआ था मोहन आगाशे का जन्म 

यहां हम मोहन आगाशे की बात कर रहे हैं, जिनका जन्म भारत की आजादी से लगभग 1 महीने पहले ही 23 जुलाई 1947 को महाराष्ट्र के एक छोटे से कस्बे में हुआ था. शुरू से ही वह पढ़ाई 0 लिखाई में काफी अच्छे थे. उन्होंने अपनी प्रारंभिक और उच्च शिक्षा पुणे से की. यहां उन्होंने बी.जे. मेडिकल कॉलेज से MBBS की डिग्री हासिल की थी. उस समय MBBS की डिग्री लेना काफी बड़ी बात थी. हालांकि मोहन आगाशे  ने MBBS करने के बाद  मनोचिकित्सा में पोस्ट-ग्रेजुएशन की डिग्री ली. बता दें, पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई के दौरान उनकी रुचि अभिनय की ओर बढ़ गई.

साइकेट्रिस्ट के तौर पर करियर शुरू करने के साथ- साथ वह एक्टिंग भी किया करते थे. बता दें, वह मराठी हिंदी, बंगाली, तमिल और मलयालम फिल्मों में भी काम कर चुके हैं. इस सभी भाषाओं की फिल्मों में उनकी एक्टिंग काफी पसंद की गई थी.

स्मिता पाटिल के साथ कर चुके हैं रोमांस! 

स्मिता पाटिल और मोहन अगाशे एक साथ फिल्म "जैत रे जैत" में काम कर चुके हैं. इस फिल्म में दोनों की एक्टिंग दर्शकों के दिल को काफी भाई थी. यह एक मराठी फिल्म थी, जिसे लोगों ने काफी सराहा था. "जैत रे जैत" फिल्म 1977 में जब्बार पटेल द्वारा डायरेक्ट की गई थी. दोनों के करियर की एक महत्वपूर्ण फिल्म थी. फिल्म की कहानी ठाकर आदिवासी समुदाय के जीवन और उनके संघर्षों को दर्शाती है. स्मिता पाटिल ने चिंधी नामक एक दृढ़ इच्छाशक्ति वाली महिला की भूमिका निभाई, जो अपने पति को छोड़ देती है, जबकि मोहन अगाशे ने नाग्या नामक एक शहद इकट्ठा करने वाले व्यक्ति की भूमिका निभाई. जिसके बाद फिल्म में लोगों को दोनों की केमिस्ट्री काफी पसंद आई थी.

AIIMS में काम कर चुके हैं मोहन आगाशे

साल 1993 में जब महाराष्ट्र में लातूर में भूकंप आया था, तब काफी तबाही हुई थी, उस दौरान 'इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च' ने उन्हें भूकंप से पीड़ित लोगों के मानसिक प्रभाव पर रिसर्च करने का कार्य मोहन आगाशे को सौंपा था. वहीं मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उन्होंने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में काम नहीं किया है. हालांकि वह पुणे के बी.जे. मेडिकल कॉलेज और ससून अस्पताल में काम कर चुके हैं.




 

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com