उड़िया फिल्म 'कलीरा अतीता' (Kalira Atita) को लेकर खबर आई है कि यह फिल्म ऑस्कर की रेस में शामिल हो गई है. इस पर इस फिल्म के निर्देशक नीला माधब पांडा ने NDTV से खास बातचीत की. इस खास बातचीत में निर्देशक अपनी फिल्म की शूटिंग से लेकर फिल्म के पीछे की सोच सहित कई चीजों पर बात की. फिल्म के निर्देशक नीला माधब पांडा ने बताया कि इस फिल्म से पहले उन्होंने 13 साल तक रिसर्च किया है. और देखा कि समुद्र की पानी के बढने के कारण उड़िया के गांव धीरे- धीरे पानी के साथ बह जा रहे हैं.फिल्म की कहानी भी ऐसे शख्स की है जो नौकरी ढूढ़ने शहर जाता है और कुछ दिन के बाद जब वह अपने गांव वापस आता है तो उसका पूरा गांव समुद्र की पानी में बह गया होता है और फिर वह अपनी परिवार को ढूढ़ने निकलता है. इस फिल्म की पूरी कहानी इस शख्स के इर्द- गिर्द ही घूमती है.
'कलीरा अतीता' (Kalira Atita) के डॉयरेक्टर बताते हैं कि इस फिल्म को बनाने के पीछे हमारी यह सोच थी कि आजकल पर्यावरण को हर तऱह से नुकसान पहुंचाया जा रहा है जिसकी वजह से पर्यावरण भी अपना विकराल रुप दिखा रही है. इसलिए हम मानव जाति को पर्यावरण की इफाजत के लिए कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाने चाहिए. नहीं तो आने वाला समय हमारे लिए काफी कठिनाइयों से भरा हो सकता है.
'कलीरा अतीता' (Kalira Atita) को ऑस्कर की रेस में शामिल होने पर निर्देशक बताते हैं कि शायद ही दुनिया का कोई ऐसा डॉयरेक्टर न हो जिन्होंने ऑस्कर पुरस्कार (Oscars Awards) जीतने का सपना नहीं देखा होगा. इंडियन फिल्म इंडस्ट्री में बहुत ही कम ऐसी फिल्में है जिसने ऑस्कर अवार्ड जीता है. ऐसे में किसी भारतीय के लिए ऑस्कर के लिए नॉमिनेट होना ही बड़ी बात है.
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