कभी कभी कोई फिल्म सिर्फ एक्टर के लिए एक प्रोजेक्ट नहीं होती बल्कि उसके लिए वो जज्बात बन जाते हैं. एक ऐसा सपना होता है जिसे हर कीमत पर पूरी करने की आरजू होती है. फिर भले ही सब कुछ गंवा कर उस फिल्म को पूरा ही क्यों न करना पड़े. ये सोचे बगैर कि फिल्म नहीं चली तो उसका अंजाम क्या होगा, एक्टर्स की कोशिश होती है कि वो उस फिल्म पूरा करें और दर्शकों की प्रतिक्रिया जाने. नाना पाटेकर भी ऐसी ही एक फिल्म का हिस्सा रहे हैं. जिसने उनके पूरे करियर को तब्दील कर दिया. इस फिल्म से नाना पाटेकर को इस कदर लगाव था कि उन्होंने फिल्म पूरी करने के लिए अपना घर तक गिरवी रख दिया.
दस हजार में हुई डील
ये उस दौर की बात है जब किसी सितारे को फिल्म करने के लिए लाखों या करोड़ों में फीस नहीं मिलती थी. बस कुछ हजार में फिल्म की डील लॉक हो जाया करती थी. उस दौर में डायरेक्टर प्रोड्यूसर एन चंद्रा भी ऐसी ही एक फिल्म बना रहे थे जिसका नाम था अंकुश. इस फिल्म के लिए दस हजार रुपये में नाना पाटेकर से डील साइन हो गई थी. हालांकि एन चंद्रा के पास भी उस वक्त बजट ज्यादा नहीं था. उन्होंने तीन हजार रु. फिल्म से पहले दिए. और सात हजार रु. तब देने की बात कही जब फिल्म पूरी हुई और डिस्ट्रिब्यूटर्स उसे खरीद लें तब. नाना पाटेकर इस शर्त पर राजी हो गए.
गिरवी रखा मकान
फिल्म बननी शुरू हुई. लेकिन आधी से ज्यादा शूटिंग के बाद मेकर्स के पास बजट खत्म हो गया. लेकिन नाना पाटेकर चाहते थे कि फिल्म हर कीमत पर पूरी हो जाए. ताकि वो सात हजार रु. और लेकर एक स्कूटर खरीद सकें. इसकी खातिर उन्होंने दो लाख रु. में अपना घर तक गिरी रख दिया. जब फिल्म रिलीज हुई तो उसे जबरदस्त रिस्पॉन्स मिला. मेकर्स के वारे न्यारे हो गए. तब डायरेक्टर एन चंद्रा ने वादे के मुताबिक नाना पाटेकर को सात हजार रु. भी लौटाए. उनका घर भी छुड़वाया और उन्हें एक चमचमाता स्कूटर भी गिफ्ट में दिया. इस एक फिल्म ने नाना पाटेकर को फिल्म इंड्स्ट्री में बड़ी पहचान भी दी.
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