सीता-राम जैसी खूबसूरत फिल्म के साथ हर वर्ग के दर्शक को अपना फैन बना लेने वाली एक्ट्रेस मृणाल ठाकुर के स्ट्रगल की कहानी आंसुओं से भरी है. मृणाल अपनी अलग एक्टिंग के लिए पहचानी जाती हैं. उनका करियर टीवी से शुरू होते हुए फिल्मों तक पहुंचा और अब वो लव सोनिया से इंटरनेशनल स्टार भी बन चुकी हैं. लेकिन ये पूरा सफर तय करने के लिए मृणाल ठाकुर को आंसुओं के सैलाब से गुजरना पड़ा. उस वक्त में कुछ अल्फाज उनकी नई ताकत बने.
रो रोकर हुआ बुरा हाल
मृणाल ठाकुर के लिए ग्लैमर वर्ल्ड में जगह बनाना इतना आसान नहीं था. उनके काम की शुरुआत छोटे पर्दे के एक शो से हुई. उनकी एक्टिंग से उन्हें पहचान तो मिली लेकिन शुरुआत में सम्मान नहीं मिला. वो हर दिन शूट पर जातीं, इस उम्मीद के साथ कि आज कुछ बेहतर होगा, लेकिन उन्हें नया नया और जूनियर मान कर लोगों का बर्ताव अलग अलग तरह का होता. कोई उन्हें बहुत अच्छे से ट्रीट करता. लेकिन कुछ ऐसे भी लोग थे जिनका बर्ताव न्यू कमर्स के लिए अलग होता था, जिनसे निराश होकर मृणाल ठाकुर टूट सी जाती थी. और, इस निराशा में घर पहुंचती थीं और खूब रोया करती थी.
माता पिता ने बढ़ाया हौसला
लेकिन संघर्ष के इस दौर में मृणाल ठाकुर के माता पिता ने उन्हें कभी अकेला नहीं छोड़ा. वो हमेशा मृणाल ठाकुर की ताकत बने. और, ये हौसला बनाते रहे कि वो मेहनत करती रहें उन्हें मंजिल जरूर मिलेगी. बस इन्हीं लफ्जों को अपनी ताकत बना कर मृणाल ठाकुर हर रोज एक नए दिन की शुरुआत करती. 2018 में वो समय आ ही गया जिसका मृणाल ठाकुर को शिद्दत से इंतजार था. उन्हें इंडो अमेरिकन फिल्म लव सोनिया ऑफर हुई. इस फिल्म ने उन्हें रातों रात नेशनल ही नहीं इंटरनेशनल लेवल की शोहरत दिलवाई, जिसके बाद मृणाल ठाकुर ने फिर कभी पलट कर नहीं देखा.
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