विज्ञापन

मां ने जिस बेटी को बनाया सुपरस्टार, उसी ने घसीटा कोर्ट, लगाया पैसों के गबन का आरोप, 20 सालों तक नहीं का बात, हुई मौत

शोभना समर्थ का असल नाम सरोज शिलोत्री था. अभिनेत्री का शुरुआती जीवन बहुत कठिन रहा क्योंकि पिता की मौत के बाद वे अपनी मां के साथ बॉम्बे में अपने मामा के घर आ गईं और वहीं कॉन्वेंट स्कूल में पढ़ाई की, लेकिन घर की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए उन्होंने फिल्मों में कदम रखा.

मां ने जिस बेटी को बनाया सुपरस्टार, उसी ने घसीटा कोर्ट, लगाया पैसों के गबन का आरोप, 20 सालों तक नहीं का बात, हुई मौत
मां ने जिस बेटी को बनाया सुपरस्टार, उसी ने घसीटा कोर्ट
नई दिल्ली:

जब महिलाओं को घर से अपनी मर्जी से निकलने की आजादी तक नहीं होती थी, उस वक्त दिग्गज अभिनेत्री शोभना समर्थ अपनी खूबसूरती और अदाकारी से फैंस का दिल जीत रही थी.  उन्होंने उस वक्त के सबसे बड़े हीरो के साथ स्क्रीन शेयर की और अपने बेबाक अंदाज के लिए जानी गई. सोमवार को शोभना समर्थ की 109वीं जयंती है. भारतीय अभिनेत्री, निर्देशक और निर्माता रहीं शोभना समर्थ का जन्म 17 नवंबर 1916 को बॉम्बे में (ब्रिटिश भारत) हुआ था. उनकी मां रतनबाई शिलोत्री पहले से ही मराठी सिनेमा में सक्रिय थीं और गायन भी करती थीं, जबकि उनके पिता प्रभाकर शिलोत्री बैंक में काम करते थे.

Latest and Breaking News on NDTV

शोभना समर्थ का असल नाम सरोज शिलोत्री था. अभिनेत्री का शुरुआती जीवन बहुत कठिन रहा क्योंकि पिता की मौत के बाद वे अपनी मां के साथ बॉम्बे में अपने मामा के घर आ गईं और वहीं कॉन्वेंट स्कूल में पढ़ाई की, लेकिन घर की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए उन्होंने फिल्मों में कदम रखा. उनके मामा ने फिल्मों में काम करने का विरोध किया, क्योंकि फिल्मों में काम करने वाली लड़कियों को गलत नजर से देखा जाता था. उस वक्त रंगमंच या फिल्मों में महिलाओं का रोल करने के लिए पुरुष ही महिला बनते थे या सेक्स वर्कर महिला का किरदार निभाती थीं. इसके अलावा, इस पेशे में न तो ज्यादा वेतन मिलता था और न ही सम्मान. इन सभी चुनौतियों का सामना करते हुए शोभना समर्थ ने फिल्मों में कदम रखा.

Latest and Breaking News on NDTV

शोभना समर्थ ने करियर की शुरुआत 1935 में आई फिल्म 'निगाह-ए-नफरत' से की। फिल्म उर्दू और मराठी में रिलीज हुई थी, लेकिन बाद में फिल्म हिंदी में भी आई. फिल्म पर्दे पर असफल रही, लेकिन शोभना पहली ही फिल्म से चर्चा में आ गई थीं. वह 1937 में आई 'कोकिला', 1936 में आई 'दो दीवाने', 1938 में आई 'निराला हिंदुस्तान', और 1939 में आई 'पति पत्नी' समेत कई फिल्मों में दिखीं, लेकिन उन्हें पहचान 1943 में आई प्रसिद्ध फिल्म 'राम राज्य' से मिली, जिसमें उन्होंने मां सीता का रोल किया था.

Latest and Breaking News on NDTV

एक्ट्रेस ने फिल्म निर्देशक कुमारसेन समर्थ से शादी की. कपल चार बच्चों के माता-पिता बने. उन्होंने बेटी नूतन, तनुजा, चतुरा और एक बेटे जयदीप की परवरिश की. नूतन और तनुजा, दोनों 1950-1980 के दशक की शीर्ष अभिनेत्रियां रहीं. इतना ही नहीं, इस विरासत को आगे बढ़ाते हुए तनुजा की बेटी एक्ट्रेस काजोल मशहूर अभिनेत्री रही हैं और आज तक पर्दे पर उनका जलवा कायम है.

कोर्ट केस का कारण
नूतन ने अपनी मां शोभना समर्थ पर पैसों के गलत इस्तेमाल का आरोप लगाया था, जिससे बात कोर्ट तक जा पहुंची. नूतन का तर्क था कि उनकी प्रोडक्शन कंपनी में जो पैसा आता है, वह नूतन के हिस्से में भी आता है, इसलिए वह अपने 30% हिस्से का ही टैक्स देंगी और बाकी टैक्स का भुगतान शोभना समर्थ को करना होगा.
शोभना समर्थ इस बात पर अड़ी रहीं कि नूतन को पूरा टैक्स भरना चाहिए और वह कोई प्रॉपर्टी नहीं बेचना चाहती थीं. 

Latest and Breaking News on NDTV

रिश्तों में कड़वाहट
इस विवाद के कारण मां और बेटी के बीच 20 साल तक बातचीत बंद रही और उनके रिश्ते में काफी कड़वाहट आ गई थी. अंततः 1983 में दोनों परिवारों के बीच स्थितियां ठीक हो गईं और 20 साल की कड़वाहट के बाद उन्होंने फिर से बातचीत शुरू की. हालांकि कुछ ही समय बाद नूतन का देहांत हो गया. 
 

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com