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Mirzapur 3 Review In Hindi: मुन्ना और कालीन भैया की कमी से मिर्जापुर की चमक हुई कम, गुड्डू पंडित की सनक पर टिकी वेब सीरीज

Mirzapur 3 Review: भारत की सबसे ज्यादा पसंद की जाने वाली वेब सीरीज मिर्जापुर का तीसरा सीजन रिलीज हो चुका है. इस सीरीज के पिछले दो सीजन को खूब पसंद किया गया था. मिर्जापुर 2 शानदार और कई सवालों के साथ खत्म हुआ था.

Mirzapur 3 Review In Hindi: मुन्ना और कालीन भैया की कमी से मिर्जापुर की चमक हुई कम, गुड्डू पंडित की सनक पर टिकी वेब सीरीज
Mirzapur 3 Review: मुन्ना और कालीन भैया की कमी से मिर्जापुर की चमक हुई कम
नई दिल्ली:

Mirzapur 3 Review: भारत की सबसे ज्यादा पसंद की जाने वाली वेब सीरीज मिर्जापुर का तीसरा सीजन रिलीज हो चुका है. इस सीरीज के पिछले दो सीजन को खूब पसंद किया गया था. मिर्जापुर 2 शानदार और कई सवालों के साथ खत्म हुआ था. इन्हीं सवालों के जवाब लेकर मिर्जापुर 3 आया है. मिर्जापुर 3 की कहानी इस बार बदले से ज्यादा मिर्जापुर की गद्दी के इर्द-गिर्द घूमती है. सीजन 3 में मिर्जापुर की गद्दी पर गुड्डू पंडित (अली फजल) बैठ तो गए हैं लेकिन पूर्वांचल के तमाम बाहूबली उन्हें उस लायक नहीं मानते. इस गद्दी को लेकर ही मिर्जापुर 3 की कहानी गढ़ी गई है. 

कहानी
मिर्जापुर 3 की कहानी सीजन 2 के बाद से शुरू होती है. जिसमें मुन्ना भैया (दिव्येंदु शर्मा) की मौत हो चुकी है लेकिन उनकी मुख्यमंत्री पत्नी माधुरी (ईशा तलवार) पति की मौत का बदला लेने के लिए अपने राजनीतिक हथकंडे अपना रही है. वहीं शरद (अंजुम शर्मा) पिता का सपना पूरा करने के लिए मिर्जापुर की गद्दी हथियाने के लिए राजनीति और बाहुबल जोड़ने में लगे हुए हैं. मिर्जापुर 3 की कहानी गोलू गुप्ता (श्वेता त्रिपाठी) से होती है जिसे घायल हो चुके कालीन भैया (पंकज त्रिपाठी ) की तलाश है. वहीं गुड्डू पंडित अपनी सनक और डर के दम पर मिर्जापुर की गद्दी पर बने हुए हैं. 

किरदार
पहले और दूसरे सीजन की तरह मिर्जापुर 3 में भी किरदारों का काफी भीड़ मौजूद है. ऐसे में मेकर्स ने किसी भी किरदार को पूरी तरह से दिखाने में कंजूसी की है. गुड्डू भैया के किरदार को अली फजल संभाले नजर आए लेकिन मिर्जापुर की गद्दी पर बैठने के बाद उनका किरदार कहीं-कहीं बचकाना लगता है. हर एपिसोड में मुन्ना भैया और कालीन भैया की कमी खलेगी. पंकज त्रिपाठी को इतना कम रोल दिया गया कि लगता है कि वह भी मिर्जापुर 3 में मर ही चुके हैं. बड़े त्यागी के तौर पर विजय राज ठीक दिखें हैं. वहीं रसिका दुग्गल, श्वेता त्रिपाठी सहित अन्य कलाकारों ने ठीक-ठाक काम किया है.

मिर्जापुर 3 की कमी
यह सीरीज अपने वॉयलेंस और बाहुबल की कहानी पर चलती आई है. एनिमल जैसी फिल्म के दौर में मिर्जापुर 3 में पिछले दो सीजन की तुलना में वॉयलेंस काफी कम है. मिर्जापुर 3 की चमक वहीं कम हो गई जब इस सीरीज में मुन्ना भैया की मौत हो गई. वहीं सीजन तीन में मेकर्स ने कालीन भैया के किरदार को भी लगभग मरा हुआ ही पेश किया है. वह मिर्जापुर 3 में नजर तो आते हैं लेकिन सिर्फ ना बराबर. यह वेब सीरीज सिर्फ टिकी है तो साइड कलाकारों और गुड्डू भैया की सनक पर. एक समय के बाद मिर्जापुर 3 की कहानी इतनी बोरिंग लगने लगती है कि इसको फॉरवर्ड करके आगे देखने का मन करने लगता है. 

वर्डिक्ट
मिर्जापुर 3 अपने दोनों सीजन के तुलना में काफी कमजोर है. ऐसा लगता है कि मेकर्स ने अगले सीजन के लिए सिर्फ इस सीरीज को बनाया है. क्योंकि पूरी सीरीज में सभी किरदारों को छोटा-छोटा रोल देकर उनका परिचय करवाया गया है. जिसके चलते मिर्जापुर 3 की कहानी बहुत बार भटकी हुई भी लगने लगती हैं. 

वेब सीरीज: मिर्जापुर 3
रेटिंग: 2/5 स्टार
डायरेक्टर: गुरमीत सिंह और आनंद अय्यर
कलाकार:  पंकज त्रिपाठी, अली फजल, रसिका दुगल, श्वेता त्रिपाठी, शर्मा, राजेश तैलंग, विजय वर्मा, अंजुम शर्मा, ईशा तलवार, मनु ऋषि चड्ढा, शीबा चड्ढा, अनिल जॉर्ज, प्रियांशु पेनयुली, अनंगशा बिस्वास, मेघना मलिक, लिलिपुट, अलका अमीन

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