Manto Official Trailer: पाकिस्तानी लेखक सआदत हसन मंटो के किरदार में नवाजुद्दीन सिद्दीकी
नई दिल्ली:
72वें स्वतंत्रता दिवस (India Independence Day 2018) के मौके पर नवाजुद्दीन सिद्दीकी की आगामी फिल्म 'मंटो (Manto)' का ट्रेलर रिलीज किया गया है. 'मंट्रो' का ट्रेलर यूट्यूब पर सुपरहिट हो चुका है. यूट्यूब पर 5वें नंबर पर ट्रेंड कर रहे इस वीडियो को अब तक 40 लाख से ज्यादा बार देखा जा चुका है. फिल्म की कहानी भारत-पाकिस्तान विभाजन और विवादित लेखक 'मंटो' के जीवन पर आधारित है. अभिनेत्री-फिल्मकार नंदिता दास द्वारा निर्देशित नवाजुद्दीन सिद्दीकी की 'मंटो' का ट्रेलर देखने में काफी दिलचस्प है. फिल्म की कहानी पाकिस्तानी लेखक 'मंटो' उर्फ सआदत हसन मंटो (Saadat Hasan Manto) के इर्द-गिर्द घूमती है. ट्रेलर में नवाजुद्दीन इस किरदार को जीवित करते दिखाई दे रहे हैं. फिल्म का टाइटल है 'बोल के लब आजाद है.'
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साल 1948 के दशक पर आधारित लौहार की इस कहानी में 'मंटो' काफी दमदार डायलॉग बोले हैं. पाकिस्तान की पृष्टभूमि पर आधारित इस फिल्म के ट्रेलर में मंटो कहते हैं, "जब गुलाम थे तो आजादी का ख्वाब देखते थे और अब आजाद हैं तो कौन-सा ख्वाब देखें?"
देखें, 'मंटो' का ट्रेलर...
घुमक्कड़ लेखक और रचनात्मक बागी सआदत हसन मंटो के जीवन पर भारतीय फिल्मकार नंदिता दास द्वारा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की अवधारणा के आधार पर बनाई गई फिल्म 'मंटो' ने मौजूदा समय के हिसाब से जैकपॉट मारा है. इसमें ऐसे ज्वलंत मुद्दे को उठाया गया है जो न सिर्फ भारत बल्कि विश्व भर में प्रसांगिक है.
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बता दें, यह फिल्म लेखक मंटो के 1946 से 1950 तक के जीवन पर केंद्रित है. लेखक भारत-पाक विभाजन पर लिखी गई अपनी कहानियों के लिए दुनिया भर में विख्यात हैं. उनका जन्म 11 मई, 1912 को हुआ था और वह बाद में पाकिस्तान चले गए. मंटो का निधन 42 साल की उम्र में 18 जनवरी, 1955 को हुआ.
...और भी हैं बॉलीवुड से जुड़ी ढेरों ख़बरें...
(इनपुट आईएएनएस से भी)
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घुमक्कड़ लेखक और रचनात्मक बागी सआदत हसन मंटो के जीवन पर भारतीय फिल्मकार नंदिता दास द्वारा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की अवधारणा के आधार पर बनाई गई फिल्म 'मंटो' ने मौजूदा समय के हिसाब से जैकपॉट मारा है. इसमें ऐसे ज्वलंत मुद्दे को उठाया गया है जो न सिर्फ भारत बल्कि विश्व भर में प्रसांगिक है.
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(इनपुट आईएएनएस से भी)
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