ऋषि कपूर भारतीय सिनेमा के ऐसे एक्टर रहे हैं जिन्होंने अपने रोमांटिक अंदाज से जबरदस्त लोकप्रियता हासिल की. बॉबी से उनकी फिल्म करियर का सुनहरी सफर शुरू हुआ और 'शर्माजी नमकीन' पर आकर उसे विराम लग गया. इस शानदार कलाकार की आखिरी फिल्म है 'शर्माजी नमकीन.' लेकिन दुख यह कि वह इसे पूरा नहीं कर सके. बस इस फिल्म में यही बात खटकती है. अगर ऋषि कपूर इस फिल्म को पूरा कर जाते तो बात ही कुछ और होती है. लेकिन फिल्म हर मायने में दिल को छूती है.
'शर्माजी नमकीन' की बृज गोपाल शर्मा की है जो रिटायर हो चुके हैं. घर में दो जवान बेटे हैं. शर्माजी कुछ करना चाहते हैं. इस चक्कर में वह बहुत कुछ ट्राई भी करते हैं. लेकिन बात नहीं जमती और शर्माजी परेशान रहते हैं. लेकिन एक दिन एक किटी पार्टी उनकी जिंदगी की दशा और दिशा ही बदलकर रख देती है. वह वहां खाना बनाने का काम करते हैं और फिर उन्हें वह काम मिल जाता है जिसकी उन्हें तलाश थी. लेकिन जिंदगी इतनी आसान नहीं. शर्माजी खुश रहते हैं तो उनके आस-पास के लोगों को कुछ परेशानी भी होती है. इस तरह एक बहुत ही सिम्पल कहानी है और इसमें शर्माजी का किरदार बहुत ही प्यारा है. डायरेक्टर ने फिल्म को आसान बनाया है और जटिल नहीं होने दिया है.
'शर्माजी नमकीन' में पहली बार यह देखने को मिला है कि एक ही कैरेक्टर को दो कलाकारों ने निभाया है. ऋषि कपूर और परेश रावल ने मिलकर शर्माजी को क्रिएट किया है. इस तरह एक्टिंग के मामले में दोनों ही स्टार कमाल के हैं. लेकिन अगर पूरी फिल्म ऋषि कपूर ही करते तो मजा ही आ जाता. लेकिन एक हल्की-फुल्की और ऋषि कपूर की यह आखिरी फिल्म, सिने प्रेमियों के लिए बहुत सी यादें दे जाती हैं, इसलिए देखनी बनती है.
रेटिंग: 3.5/5 स्टार
डायरेक्टर: हितेश भाटिया
कलाकार: ऋषि कपूर, परेश रावल, सतीश कौशिक, शीबा और जूही चावला
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