बॉलीवुड के मशहूर गीतकार, शायर और संवाद लेखक जावेद अख्तर ने एनडीटीवी से बात की. इस दौरान लेखक ने इन दिनों फिल्मों को लेकर चल रहे बॉयकाट चलन पर भी अपनी राय रखी. जावेद अख्तर ने कहा कि आजकल फिल्मों को बॉयकाट करने का मानो चलन सा हो गया है. फिल्म के बॉयकाट चलन पर बात करते हुए जावेद अख्तर ने कहा, "फिल्मों के बॉयकाट का चलन हो गया है. हमारा फिल्म सर्टिफिकेशन का ऑर्गनाइजेशन है, यह सरकारी है जो फिल्म को देखता है. उसमें बताते हैं कि यह गलत है, इसको हटा दीजिए. इस ऑर्गनाइजेशन को हम सेंसर बोर्ड कहते हैं. सरकार को अपने इंस्टीट्यूशन की इज्जत रखनी चाहिए. बाहर के लोग तय करें कि कौन सी फिल्म चलनी चाहिए, कौन सी नहीं, तो सर्टिफिकेशन की जरूरत क्या है?".
जावेद अख्तर पर लिखी गई है किताब 'जादुनामा'
इस इंटरव्यू में जावेद अख्तर ने अपने ऊपर लिखी किताब 'जादुनामा' पर भी बात की. यह किताब अरविंद मंडलोई ने लिखी है. जावेद अख्तर ने इस किताब के बारे में बात करते हुए कहा, "जादू' अभी भी लोग मुझे बुलाते हैं. 15 दिन पहले मैंने किताब देखी. देखकर मैं हैरान हो गया. इसमें बातें बहुत पुरानी हैं. कई लोगों को कवर किया है. मैंने कई तस्वीरें पहली बार इस किताब में देखीं. किताब में बहुत अच्छा काम किया है. पिक्चर देखने के लिए टिकट लिया था, पता नहीं था जिसकी फिल्म देखी, एक दिन उनके साथ स्क्रिप्ट होगी".
इतना ही नहीं, इस इंटरव्यू में जावेद अख्तर ने भारत जोड़ो यात्रा पर भी बात की. उन्होंने कहा, "भारत जोड़ो यात्रा का रिस्पांस अच्छा है, लेकिन सिर्फ इतना काफी नहीं है. बहुत लोग परिवर्तन चाहते हैं, वह परिवर्तन सिर्फ चलने से नहीं आता है".
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