बॉलीवुड के लिए अपने पुराने और रटे-रटाए फॉर्मूले से बाहर निकलना मुश्किल हो रहा है. ऐसे दौर में जब कमजोर कहानियों की वजह से फिल्में बॉक्स ऑफिस पर पस्त हो रही हैं, उसी दौर में जुग जुग जियो भी पुराने ढर्रे पर रची गई फिल्म की एक मिसाल है. कनाडा, पंजाबी परिवार, शादी-ब्याह, गाना-बजाना, सुने-सुनाए जोक्स और रिश्तों में दरार, फिर कई मौकों पर ओवरएक्टिंग की ओवरडोज. हर वह मसाला फिल्म में पिरोने की कोशिश की गई है, जो बॉलीवुड में पहले भी परखा जा चुका है. इस तरह कहानी समेत कई मोर्चों पर कमजोर पड़ने की वजह से जुग जुग जियो एक एवरेज फिल्म साबित होती है, जिसमें अतीत की कुछ फिल्मों की झलक और भारतीय समाज के स्टीरियोटाइप ही देखने को मिलते हैं.
जुगजुग जियो की कहानी एक पंजाबी परिवार की है. जिसमें ऊपर से देखने में तो सब सही लग रहा है. लेकिन सभी रिश्तों को लेकर बड़ी मुश्किलों में फंसे हुए हैं. बेटा कनाडा में है. किसी वजह से उसकी पत्नी से अब बन नहीं रही है. दोनों तलाक लेने का फैसला कर लेते हैं. वहीं पिता है, उसका भी पत्नी के साथ रिश्ते में कुछ ठीक नहीं है. वहां भी कुछ झोल है. बेटी की शादी हो रही है, लेकिन वह भी किसी मजबूरी के तहत इस रिश्ते को मंजूर कर रही है. कुल मिलाकर हर जगह रिश्तों का गड़बड़ झाला है. फिल्म में भारतीय समाज में रिश्तों को लेकर जिस तरह के सेक्रिफाइस करने होते हैं, उन्हें कॉमिक अंदाज में दिखाया गया है. फिल्म बेहद लंबी है. सिर्फ रिश्तों के ताने-बाने के जरिये हंसाने की कोशिश के अलावा, डायरेक्शन के लेवल पर कुछ भी नया नजर नहीं आता है.
जुगजुग जियो में एक्टिंग के मोर्चे पर नीतू कपूर मजबूती के साथ उभरती हैं. उन्होंने अपने किरदार को जिस शिद्दत के साथ निभाया है, वह देखकर अच्छा लगता है. अनिल कपूर भी अपने किरदार में जमे हैं. वरुण धवन और कियारा आडवाणी ने भी ठीक-ठाक एक्टिंग की है. एक्सप्रेशन के मामले में वरुण कहीं ओवर और कियारा कहीं वीक लगती हैं. फिल्म के बाकी कलाकार ने अपने हिसाब से ठीक काम किया है. इस तरह राज मेहता ने एक फैमिली एंटरटेनर बनाई है.
रेटिंग: 2.5 स्टार
डायरेक्टर: राज मेहता
कलाकार: अनिल कपूर, नीतू कपूर, कियारा आडवाणी और मनीष पॉल
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