भारतीय सिनेमा में जावेद अख्तर (Javed Akhtar) का नाम किसी पहचान का मोहताज नहीं है. आज जावेद का जन्मदिन है वो 74 साल के हो गए हैं. जावेद (Javed Akhtar) के जन्मदिन पर हम आपको बताते हैं उनके संघर्ष से जुड़ी वो बातें जिससे दुनिया रूबरू नहीं हुई है. बताते हैं कि कैसे जावेद अख्तर के एक कवि, एक फिल्म लेखक बनने के रास्ते तैयार हुए. जावेद (Javed Akhtar) की जिंदगी के पहलू उनकी कहानियों और शायरियों की तरह ही दिलचस्प हैं. पढ़ें उनकी जिंदगी की 10 बड़ी बातें.
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1. जावेद अख्तर (Javed Akhtar) का जन्म 17 जनवरी 1945 को ग्वालियर में हुआ था. जावेद के पिता मशहूर शायर जान निसार अख्तर थे. तो मां उर्दू लेखिका और शिक्षिका सफिया अख्तर थी.
2. बचपन में जावेद (Javed Akhtar) को जादू के नाम पुकारा जाता था. दरअसल उनके पिता जान निसार अख्तर (Jan Nisar Akhtar) की कविता लम्हा-लम्हा किसी जादू का फसाना होगा बहुत प्रसिद्ध हुई थी. बेटे का जन्म हुआ तो पिता उन्हें जादू कहकर पुकारने लगे. बाद में जादू से मिला जुला नाम जावेद रख दिया गया.
3. जावेद जब छोटे थे तभी उनके पिता ने दूसरी शादी कर ली थी. जावेद पिता के साथ भोपाल आ गए थे. बताते हैं कि भोपाल में उनकी जिंदगी दोस्तों के भरोसे पर रहा करते थे क्योंकि परिवार से कोई खास सपोर्ट नहीं मिल पाता था.
4. भोपाल से निकलकर वह लखनऊ अपनी नानी के घर आ गए और फिर वहीं से पढ़ाई और लिखाई का सिलसिला रफ्तार पकड़ा.
5. 4 अक्टूबर 1964 में जावेद मुंबई आ गए थे. एक कार्यक्रम में जावेद ने बताया था कि शुरुआती दिनों में उनके पास न तो खाने के पैसे थे और न ही रहने का ठिकाना. कई रातें खुले आसमान में तारों की चादर ओढ़ कर बिताई. बाद में कमाल अमरोही ने अपने स्टूडियो में जावेद को रहने की जगह दी.
6. बॉलीवुड में एक दौर ऐसा था जब सलीम-जावेद (Saleem Javed) की जोड़ी, फिल्मों को हिट कराने की गारंटी हुआ करती थी. संघर्ष के दिनों में ही जावेद (Javed Akhtar) की मुलाकात सलीम (Saleem) से हुई थी. संघर्ष के दिनों में जावेद को एक फिल्म में क्लैपर ब्वॉय का काम मिला. इस फिल्म में हीरो का रोल अदा कर रहे थे सलीम खान (Saleem Khan). इसी फिल्म के दौरान दोनों की मुलाकात हुई. एक बार डायरेक्टर एसएम सागर (SM Sagar) को अपनी फिल्म के लिए राइटर नहीं मिल रहा था. तो डायरेक्टर ने पहली बार इन दोनों को मौका दे दिया. सलीम कहानी लिखते थे और जावेद डायलॉग. जावेद उर्दू में लिखा करते थे जिसे सलीम खान बाद में ट्रांसलेट किया करते थे.
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7. सलीम जावेद ने एक साथ 24 फिल्मों में काम किया जिनमें से 20 फिल्में ब्लॉक बस्टर साबित हुईं. जिनमें सीता-गीता, शोले, हाथी मेरा साथी, यादों की बारात, और दीवार जैसे सुपरहिट फिल्में शामिल हैं. सलीम-जावेद (Saleem-Javed) की जोड़ी ने बॉलीवुड में राइटर्स के काम को एक पहचान दी. 70 के दशक से पहले राइटर्स का नाम फिल्म के पोस्टर पर नहीं दिया जाता था लेकिन सलीम-जावेद के दौर में फिल्म पोस्टर पर इनके नाम लिखने का सिलसिला जारी रहा.
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8. जावेद को उनके गीतों के लिए कई सम्मानों से नवाजा जा चुका है. 1999 में जावेद (Javed Akhtar)को पद्मश्री, 2007 में पद्म भूषण से सम्मानित किया जा चुका है. इसके अलावा जावेद अख्तर 8 बार फिल्म फेयर अवार्ड भी हासिल कर चुके हैं.
9. जावेद अख्तर ने दो शादियां की थी. उनकी पहली पत्नी हनी ईरानी थी. हनी के साथ जावेद की मुलाकात फिल्म सीता और गीता के सेट पर हुई थी. जावेद ने दूसरी शादी शबाना आजमी के संग की. शबाना आजमी की मां कैफी आजमी के साथ बतौर सहायक जावेद ने काम किया था. काम के दौरान ही जावेद और शबाना की नजदीकियां बढ़ीं.
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10. जावेद के बच्चे जोया और फरहान अख्तर भी बॉलीवुड में जाना पहचाना नाम है. जोकि फिल्मों में काफी समय से काम कर रहे हैं.
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