7 नवंबर को रिलीज हो रही जटाधारा फिल्म के प्रमोशन के दौरान एनडीटीवी से खास बातचीत में सोनाक्षी सिन्हा और शिल्पा शिरोडकर ने फिल्मों के बदलते दौर और पुरानी सोच पर खुलकर बात की. दोनों ने कहा कि पहले सिनेमा एक ही तरह का होता था और जो थोड़ा अलग होता, उसे समानांतर सिनेमा कहा जाता था. उस जमाने में अगर कोई अभिनेत्री शादी कर लेती थी, तो उसके लिए काम मिलना मुश्किल हो जाता था. इस मुद्दे पर बात करते हुए शिल्पा शिरोडकर ने कहा, “पहले एक सोच थी कि शादी कर ली तो करियर खत्म. आज के दौर में मानसिकता बदल गई है. अब शादीशुदा और बच्चों वाली महिलाएं भी काम कर रही हैं और पहले से ज्यादा मेहनत कर रही हैं. अब मौका सबको मिलता है, चाहे कोई भी लिंग हो.”
उन्होंने आगे कहा, “मुझे लगता है इस सोच को बदलने में काजोल और माधुरी दीक्षित जैसी अभिनेत्रियों का बहुत योगदान है. उन्होंने शादी के बाद भी अपना करियर जारी रखा और सफलता भी हासिल की. दर्शकों ने उन्हें पसंद किया, उनका सम्मान किया और इसी वजह से वे एक मिसाल बन गईं.”
शिल्पा ने कहा कि आज के दौर में शेफाली शाह, तब्बू, करिश्मा कपूर और रवीना टंडन जैसी कलाकार भी शादी और परिवार के साथ काम कर रही हैं और शानदार नजर आ रही हैं. “अब ये एक मिथक बन गया है कि शादी के बाद अभिनेत्री का करियर खत्म हो जाता है. अब ये व्यक्तिगत पसंद है कोई अपनी मर्जी से ब्रेक ले सकता है, कोई काम जारी रख सकता है.” उन्होंने कहा.
सोनाक्षी सिन्हा ने भी शिल्पा की बात से सहमति जताते हुए कहा, “आज का दौर हमारे लिए बहुत अच्छा है. हमसे पहले की अभिनेत्रियों ने हमें रास्ता दिखाया. उन्होंने साबित किया कि प्रतिभा और लगन के आगे कोई रुकावट बड़ी नहीं होती.”
पिछले कुछ वक्त में सिनेमा में महिलाओं को लेकर वाकई सोच बदली है और ये सिर्फ एक्ट्रेसेज तक सीमित नहीं है बल्कि फिल्म जगत में महिलाओं की गिनती और भी क्षेत्रों में बढ़ी है , फिल्म जगत की इस सोच का असर समाज पर भी और बेहतर तरीके से पड़ता नजर आएगा क्यूंकि कई बार समाज फिल्मों का आइना बन जाता है.
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