आईएएस ऑफिसर अभिषेक सिंह (Abhishek Singh) ने एक्टिंग की दुनिया में कदम रखा है. दरअसल, अभिषेक सिंह फिल्म 'चार पंद्रह (Chaar Pandrah)' में हैं. इस शॉर्ट फिल्म की शूटिंग केवल 72 घंटे में ही पूरी हो गई थी. इस फिल्म में अभिषेक, 'देवाशीष' के मुख्य किरदार निभा रहे हैं. फिल्म में पति और पत्नी के बीच संबंधों को हाईलाइट किया गया है. बता दें, 'चार पंद्रह' को बनाने में केवल 1.5 लाख रुपये की लागत लगी है. वहीं, फिल्म के मुख्य किरदार और आईएएस ऑफिसर अभिषेक सिंह ने अपनी अपकमिंग फिल्म को लेकर एनडीटीवी से बातचीत की.
अभिषेक सिंह (Abhishek Singh) से जब पूछा गया कि उन्होंने फिल्मों में आने के बारे में कैसे सोचा? तो उन्होंने कहा, "मैंने कभी भी नहीं सोचा था कि मैं कभी एक्टिंग करूंगा. लेकिन एक मौका सामने आया तो मैने सोचा कि आगे बढ़कर देखते हैं कैसा अनुभव रहता है. हर एक क्षेत्र में कुछ ना कुछ सीखने को ज़रूर मिलता है, इसमें भी बहुत कुछ नया और रोमांचक सीखने को मिलेगा. यही सोच कर कदम बढ़ा दिए." अभिषेक से जब उनके किरदार को लेकर पूछा गया, तो उन्होंने कहा, "चार पंद्रह में मेरा रोल एक फौजी का है जो अपनी पत्नी को लेने मसूरी से दिल्ली चार पंद्रह की बस पकड़कर जा रहा है. बस स्टॉप पर उसे एक अजनबी मिलता है और वहां से एक दिलचस्प कहानी शुरू होती है."
वहीं, जब अभिषेक (Abhishek Singh) से पूछा गया कि IAS अफसर होना आसान है या एक्टिंग करना? तो इस पर वह बोले, "आईएएस बनना और अभिनय करना इन दोनों कार्यों में शायद उतनी ही भिन्नता है जितनी दिन और रात में है. आईएएस मे चयन के लिए आपका प्रयास या तो सफल होता है या असफल. पास और फेल दोनों भलीभांति परिभाषित होते हैं. अभिनय के क्षेत्र में यह परिभाषा लागू नहीं होती. एक खराब अदाकारी भी किसी को अच्छी लग सकती है और एक अच्छी अदाकारी किसी और को खराब. अच्छे और खराब की परिभाषा संभव नहीं है. वहीं एक बेहतरीन अदाकारी के बाद भी उसको और बेहतरीन करने की संभावना हमेशा रहती है. इसलिए एक कलाकार अपने हुनर को निखारने की कोशिश ताउम्र करता रहता है. अंततः दोनों क्षेत्र एक दूसरे से भिन्न है लेकिन संघर्षपूर्ण है."
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