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This Article is From Feb 22, 2019

ये हैं 'शोले' की बसंती तांगेवाली की बॉडी डबल, बोलीं- उस सीन को देख मेरे रोंगटे खड़े हो जाते थे....

'शोले' की बसंती तांगेवाली बॉलीवुड का यादगार किरदार हैं. हेमा मालिनी (Hema Malini) की बॉडी डबल रहीं रेशमा पठान की जिदंगी पर फिल्म बन रही है. 'बाबूमोशाय बंदूकबाज' फेम बिदिता बेग (Bidita Bag) इस किरदार को निभा रही हैं.

ये हैं 'शोले' की बसंती तांगेवाली की बॉडी डबल, बोलीं- उस सीन को देख मेरे रोंगटे खड़े हो जाते थे....
रेशमा पठान का रोल कर रही हैं बिदिता बेग (Bidita Bag)
नई दिल्ली:

हेमा मालिनी (Hema Malini) के करियर का सबसे यादगार किरदारों में से एक 'शोल' की बसंती का है. 'शोले' में हेमा मालिनी ने तांगावाली का किरदार निभाया था, और एक सीन में जमकर तांगा भी दौड़ाया था. हालांकि सीन तो हेमा मालिनी ने किया लेकिन एक्शन रेशमा पठान (Rehma Pathan) ने किया था, जो हिंदी सिनेमा की पहली स्टंड वूमन थीं. उसी रेशमा पठान की जिंदगी को अब स्क्रीन पर लाया जा रहा है और ज़ी5 पर 8 मार्च को 'द शोले गर्ल- रेशमा पठान (The Sholay Girl- Reshma Pathan)' रिलीज हो रही है. इस वेब फिल्म में रेशमा पठान का किरदार बिदिता बेग (Bidita Bag) निभा रही हैं.  बिदिता बेग ने नवाजुद्दीन सिद्दीकी के साथ 'बाबूमोशाय बंदूकबाज' में काम किया था, और लोकप्रियता हासिल की. बिदिता बेग ड्रीमगर्ल की बॉडी डबल के किरदार को निभाकर बेहद खुश हैं और उन्होंने रेशमा पठान के किरदार में उतरने के लिए जमकर पसीना भी बहाया है. बिदिता बेग  (Bidita Bag) से हुई बातचीत के प्रमुख अंशः

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'द शोले गर्ल- रेशमा पठान' में आपका क्या रोल है?
ये स्टंट वूमन रेशमा पठान की बायोपिक है. 'शोले' का तांगा वाला सीन उन्होंने ही किया था, और पूरी कहानी उन्हीं की है. 

स्टंट वूमन करने के लिए काफी पसीना बहाना पड़ा आपको?
मार्शल आर्ट सीखा है, योग मैं करती ही हूं. फिर फिल्म के बारे में मुझे लास्ट मूमेंट पर पता चला. 8-10 दिन की तैयारी भी रोल के लिए नहीं मिल सकी. फिल्म में रेशमा की पर्सनल लाइफ भी है, बहुत ही उथल-पुथल भरी रही है. इसलिए किरदार में घुसने में ज्यादा पसीना बहाना पड़ा बनिस्बत एक्शन करने के. 

फीचर फिल्म और वेब फिल्म में किस तरह का अंतर महसूस किया?
वेब फिल्म कम समय में बनती है. इसका बजट भी लिमिटेड होता है और टू कैमरा में काम करना पड़ता है. कोशिश कम समय में ज्यादा से ज्यादा काम करने की होती है. धूल-मिट्टी में काम करके तो पूरी यूनिट को ही बुखार हो गया था.

वेब की नई दुनिया खुल रही है, इस आप किस तरह देखती हैं?
कई लोग सिनेमा हॉल नहीं जा पाते, तो वे अपने मोबाइल पर ही कंटेंट देख लेते हैं. इसलिए वेब फिल्मों और सीरीज का ऑडियंस बहुत ज्यादा है. सिनेमा हॉल पर फिल्म लगी, अगर किसी ने नहीं देखी तो गई. लेकिन यहां तो कभी भी इसे देखा जा सकता है. इसकी रीच बहुत ज्यादा है. 

बसंती का किरदार करने के लिए क्या तैयारी की?
'शोले' का तांगे वाला सीन लगभग 100 बार देखा होगा. उस सीन को देखकर मेरे रोंगटे खड़े हो जाते थे. 

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