नई दिल्ली:
बॉलीवुड की 'बसंती' और खूबसूरती की 'ड्रीमगर्ल' यानी हेमा मालिनी आज अपना जन्मदिन मना रही हैं. 16 अक्टूबर, 1948 को तमिलनाडु में जन्मी हेमा मालिनी आज पूरे 69 साल की हो गई हैं. हेमा मालिनी भी बॉलीवुड की उन सुपरस्टार एक्टर्स में से एक हैं जिन्हें करियर की शुरुआत में रिजेक्शन का सामना करना पड़ा था. हेमा को तमिल फिल्मों के निर्देशक श्रीधर ने वर्ष 1964 में यह कहकर उन्हें काम देने से इनकार कर दिया था कि उनके चेहरे में कोई स्टार अपील नहीं है, लेकिन बाद यह 'ड्रीमगर्ल' बॉलीवुड में सीता-गीता बन कर छा गई. हेमा मालिनी भरतनाट्यम की एक ट्रेंड डांसर हैं और 69 साल की उम्र में भी वह आज भी डांस के अपने इस प्यार से दूर नहीं हो पायी हैं. यहां तक की हेमा मालिनी की दोनों बेटियां भी उनकी तरह ही डांस करती हैं.
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हेमा मालिनी का जन्म तमिलनाडु के अम्मानकुडी नामक स्थान में 16 अक्टूबर, 1948 को हुआ था और उनकी पढ़ाई चेन्नई के आंध्र महिला सभा में हुई. उनके पिता वी.एस.आर. चक्रवर्ती तमिल फिल्मों के प्रोड्यूसर थे. निर्देशक श्रीधर द्वारा 'स्टार अपील न होने के चलते रिजेक्ट हुईं हेमा को पहला ब्रेक अनंत स्वामी ने दिया. उन्होंने हिंदी फिल्मों में 'सपनों का सौदागर' (1968) के साथ करियर की शुरुआत की. इस फिल्म में वह राज कपूर के साथ दिखाई दी थीं और उस समय वह महज 16 वर्ष की थीं.
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राज कपूर ने लिया पहला स्क्रीन टेस्ट
तमिल फिल्मों के निर्माता की बेटी होने के बावजूद भी हेमा मालिनी को स्क्रीन टेस्ट देना पड़ा और उनका पहला स्क्रीन टेस्ट लिया था, राज कपूर ने. खुद हेमा मालिनी का भी मानना है कि आज वह जो भी है राज कपूर की बदौलत हैं. राज कपूर के साथ काम करने के बाद हेमा मालिनी को देवानंद के साथ फिल्म 'जॉनी मेरा नाम' में काम करने का मौका मिला. यह फिल्म बहुत बड़ी हिट साबित हुई. उन्हें पहली सफलता 'जॉनी मेरा नाम' (1970) के साथ ही मिली. उन्हें पहला बड़ा ब्रेक रमेश सिप्पी की फिल्म 'अंदाज'(1971)में मिला. सत्तर के दशक में माना जा रहा था कि हेमा मालिनी केवल ग्लैमर वाले किरदार ही निभा सकती हैं, लेकिन उन्होंने 1975 की 'खुशबू' 1977 की 'किनारा' और 1979 की 'मीरा' जैसी फिल्मों में संजीदा किरदार निभाकर अपने आलोचकों को गलत साबित कर दिया. वर्ष 1972 में 'सीता और गीता' में उनके किरदार व सहज अभिनय ने उन्हें बुलंदियों पर पहुंचाया.
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इस दौरान हेमा मालिनी के सौंदर्य और अभिनय का जलवा छाया हुआ था. इसी को देखते हुए निर्माता जया चक्रवर्ती, गुलशन राय और जे.के. बहल ने वर्ष 1977 में उन्हें लेकर फिल्म 'ड्रीम गर्ल' का निर्माण तक कर दिया. अपने फिल्मी करियर में उन्होंने अमिताभ, राजेश खन्ना, जितेंद्र, संजीव कुमार के साथ-साथ और भी कई अभिनेताओं के साथ काम किया. वर्ष 1975 की फिल्म 'शोले' सुपरहिट रही. इसमें अपने चुलबुले अंदाज से उन्होंने सभी का मन मोह लिया. फिल्म से उनका वही अंदाज आज भी चर्चा में है.
हाल ही में स्टारडस्ट के पूर्व संपादक और निर्माता राम कमल मुखर्जी ने हेमा मालिनी की जीवनी लिखी है, जिसकी प्रस्तावना खुद देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लिखी है. 'बियॉन्ड द ड्रीमगर्ल' नाम की यह किताब आज यानी उनके जन्मदिन पर लांच होगी. इस दिन भारतीय सिनेमा में हेमा मालिनी के 50 साल भी पूरे हो जाएंगे.
(इनपुट आइएएनएस से भी)
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हेमा मालिनी का जन्म तमिलनाडु के अम्मानकुडी नामक स्थान में 16 अक्टूबर, 1948 को हुआ था और उनकी पढ़ाई चेन्नई के आंध्र महिला सभा में हुई. उनके पिता वी.एस.आर. चक्रवर्ती तमिल फिल्मों के प्रोड्यूसर थे. निर्देशक श्रीधर द्वारा 'स्टार अपील न होने के चलते रिजेक्ट हुईं हेमा को पहला ब्रेक अनंत स्वामी ने दिया. उन्होंने हिंदी फिल्मों में 'सपनों का सौदागर' (1968) के साथ करियर की शुरुआत की. इस फिल्म में वह राज कपूर के साथ दिखाई दी थीं और उस समय वह महज 16 वर्ष की थीं.
हेमा मालिनी की तरह उनकी दोनों बेटियों को भी है डांस का शौक.
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राज कपूर ने लिया पहला स्क्रीन टेस्ट
तमिल फिल्मों के निर्माता की बेटी होने के बावजूद भी हेमा मालिनी को स्क्रीन टेस्ट देना पड़ा और उनका पहला स्क्रीन टेस्ट लिया था, राज कपूर ने. खुद हेमा मालिनी का भी मानना है कि आज वह जो भी है राज कपूर की बदौलत हैं. राज कपूर के साथ काम करने के बाद हेमा मालिनी को देवानंद के साथ फिल्म 'जॉनी मेरा नाम' में काम करने का मौका मिला. यह फिल्म बहुत बड़ी हिट साबित हुई. उन्हें पहली सफलता 'जॉनी मेरा नाम' (1970) के साथ ही मिली. उन्हें पहला बड़ा ब्रेक रमेश सिप्पी की फिल्म 'अंदाज'(1971)में मिला. सत्तर के दशक में माना जा रहा था कि हेमा मालिनी केवल ग्लैमर वाले किरदार ही निभा सकती हैं, लेकिन उन्होंने 1975 की 'खुशबू' 1977 की 'किनारा' और 1979 की 'मीरा' जैसी फिल्मों में संजीदा किरदार निभाकर अपने आलोचकों को गलत साबित कर दिया. वर्ष 1972 में 'सीता और गीता' में उनके किरदार व सहज अभिनय ने उन्हें बुलंदियों पर पहुंचाया.
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इस दौरान हेमा मालिनी के सौंदर्य और अभिनय का जलवा छाया हुआ था. इसी को देखते हुए निर्माता जया चक्रवर्ती, गुलशन राय और जे.के. बहल ने वर्ष 1977 में उन्हें लेकर फिल्म 'ड्रीम गर्ल' का निर्माण तक कर दिया. अपने फिल्मी करियर में उन्होंने अमिताभ, राजेश खन्ना, जितेंद्र, संजीव कुमार के साथ-साथ और भी कई अभिनेताओं के साथ काम किया. वर्ष 1975 की फिल्म 'शोले' सुपरहिट रही. इसमें अपने चुलबुले अंदाज से उन्होंने सभी का मन मोह लिया. फिल्म से उनका वही अंदाज आज भी चर्चा में है.
हाल ही में स्टारडस्ट के पूर्व संपादक और निर्माता राम कमल मुखर्जी ने हेमा मालिनी की जीवनी लिखी है, जिसकी प्रस्तावना खुद देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लिखी है. 'बियॉन्ड द ड्रीमगर्ल' नाम की यह किताब आज यानी उनके जन्मदिन पर लांच होगी. इस दिन भारतीय सिनेमा में हेमा मालिनी के 50 साल भी पूरे हो जाएंगे.
(इनपुट आइएएनएस से भी)
VIDEO: डांस से हेमा मालिनी का खास लगाव, देखिए NDTV से खास बातचीत
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