गोविंदा (Govinda) ने फिल्म इंडस्ट्री को लेकर बहुत ही बेबाकी के साथ अपनी राय रखी है. गोविंदा ने हाल ही में एक इंटरव्यू दिया है और फिल्म इंडस्ट्री तथा अपने संघर्ष पर प्रकाश डाला है. गोविंदा (Govinda) ने हिंदुस्तान टाइम्स को दिए अपने इंटरव्यू में बताया कि एक्टर निर्मला देवी और अरुण कुमार आहुजा के बेटे होने के बावजूद उन्हें सफलता हासिल करने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ी. गोविंदा एक जबरदस्त स्टार रहे हैं, जिन्होंने अपनी एक्टिंग और डांस से फैन्स का खूब दिल जीता है.
गोविंदा (Govinda) ने अपने संघर्ष के बारे में बताया, 'मेरे 21 साल की उम्र में एक्टर बनने और उन्हें फिल्म इंडस्ट्री छोड़ने के बीच 33 साल का अंतर था. जिस समय मैंने इंडस्ट्री में एंट्री की, उस समय कई नए प्रोड्यूसर आए थे जो मेरे परिवार के बारे में नहीं जानते थे. मुझे उनसे मिलने के लिए घंटों इंतजार करना पड़ता. मैं जानता था कि वह इस तरह बात क्यों करते हैं लेकिन मैंने खुद पर और अपनी कला पर उनकी इन बातों को हावी नहीं होने दिया. मैं जानता था कि राज कपूर जी, जीतेंद्र जी, अमीताभ बच्चन जी, विनोद खन्ना जी और राजेश खन्ना जी भी बहुत सी चीजों से गुजरे थे. इस इंडस्ट्री में, आपके पास सही नजरिया होना जरूरी है. या तो आप मेहनत करें या फिर उन बातों पर ध्यान दें कि लोग आपके बारे में क्या कहते हैं.'
गोविंदा ने बॉलीवुड कैम्प को लेकर कहा, 'पहले जो भी टैलेंटेड होता था तो उसे काम मिल जाता था. सभी फिल्मों को थिएटर पर पूरा मौका मिलता था. लेकिन अब, चार या पांच लोग पूरे कारोबार को डिक्टेट कर रहे हैं. जो लोग उनके करीबी नहीं है उनकी फिल्मों का भाग्य यह तय करते हैं. मेरी कुछ अच्छी फिल्मों को अच्छी रिलीज नहीं मिल पाई थी. लेकिन अब चीजें बदल रही हैं.'