गणपत फिल्म समीक्षा: टाइगर श्रॉफ, कृति सेनन और अमिताभ बच्चन की बॉलीवुड मूवी 'गणपत' रिलीज हो गई है. गणपत को विकास बहल ने डायरेक्ट किया है. फिल्म को एक्शन फिल्म के तौर पर प्रमोट किया गया है जो फ्यूचर में रची गई है. कुल मिलाकर ऐसा मसाला चुना गया जो बॉलीवुड में अभी तक ज्यादा देखने को नहीं मिला था. कहानी हॉलीवुड स्टाइल थी. फिल्म का फैन्स को बेसब्री से इंतजार भी था. अब फिल्म रिलीज हो गई है तो जानें कैसी है टाइगर श्रॉफ की 'गणपत' और पढ़ें मूवी रिव्यू...
गणपत मूवी रिव्यू
गणपत की कहानी
गणपत की कहानी तबाह हो चुकी दुनिया की है. जिसमें जिंदगी दो हिस्सों में बंट चुकी है. एक हिस्सा रईसों का है और दूसरा हर चीज के लिए जंग करते मजलूम लोगों का. टाइगर श्रॉफ रईसों की दुनिया से जुड़े हैं, लेकिन कुछ हालात और ऐसी बातें होती हैं कि वह गरीबों और मजलूमों के हक के लिए खड़े होते हैं. कहानी सिर्फ इतनी है जिसमें अमिताभ बच्चन, कृति सेनन और टाइगर श्रॉफ जुड़े हैं. ये एक ऐसी कॉमन कहानी है जो ओटीटी पर मौजूद हर दूसरी फिल्म या वेब सीरीज में नजर आ जाती है. फिर इस तरह की कहानी को जिस तरह का ट्रीटमेंट मिलना चाहिए वह मिसिंग है. कुल मिलाकर फ्यूचर की बात तो हो रही है लेकिन बॉलीवुड यहां भी अतीत में ही जीता हुआ नजर आ रहा है. गणपत के नाम पर एक औसत कहानी को परोसा गया है और वह भी औसत तरीके से. एक्शन भी देखे हुए हैं. कहानी कनेक्शन बनाने में असफल रहती है.
गणपत ट्रेलर
गणपत का डायरेक्शन
गणपत का डायरेक्शन विकास बहल ने किया है. विकास इससे पहले क्वीन और सुपर 30 जैसी सफल फिल्में बना चुके हैं. वह शानदार जैसी सुपरफ्लॉप भी दे चुके है. लेकिन गणपत के साथ भी वह डायरेक्शन के मोर्चे पर चूक जाते हैं और निराश करते हैं. फिल्म की कहानी में ना तो गहराई है और ना ही कुछ ऐसा जो पहले ना देखा गया हो. कुल मिलाकर वह एक खिंची हुई लकीर के फकीर बने नजर आए. कमजोर स्क्रीनप्ले और डायरेक्शन ने पूरी मेहनत पर पानी फेर दिया. इस तरह की फिल्में मजबूत कहानी के साथ बनाई जाती हैं. फिर फिल्म का वीएफएक्स भी कमजोर है.
गणपत में एक्टिंग
गणपत का सबसे बड़ा ड्रॉबैक उसकी एक्टिंग है. टाइगर श्रॉफ एक्टिंग कर नहीं पाते हैं और हर वक्त एक्शन मोड में रहते हैं. लेकिन यह एक्शन भी काफी घिसा-पिटा नजर आता है. ऐसा एक्शन और फाइटिंग सीन जो टाइगर की अधिकतर फिल्मों में दिखा है. कुल मिलाकर एक्सप्रेशन शून्य टाइगर फाइटिंग तो करते हैं, लेकिन फ्यूचर में भी उनकी फाइटिंग पास्ट वाली ही है. कृति सेनन भी एक्टिंग के मामले में एवरेज हैं और एक्शन में काफी मेहनत करती नजर आती हैं. लेकिन इम्प्रेसिव वो भी नहीं हैं. अमिताभ बच्चन ठीक-ठाक हैं.
गणपत वर्डिक्ट
टाइगर श्रॉफ का रटा-रटाया अंदाज है. फ्यूचर में कहानी को रचा गया है. अगर आप टाइगर श्रॉफ के एक्शन के फैन हैं तो इस फिल्म को एक बार जरूर देख सकते हैं, बाकी इस फिल्म को देखने की दूसरी कोई वजह नजर नहीं आती है. फिल्म को देखकर जेहन में यही बात कौंधती है कि छोटा बच्चा समझा है क्या.
रेटिंग: 1.5/5 स्टार
डायरेक्टर: विकास बहल
कलाकार: कृति सेनन, टाइगर श्रॉफ और अमिताभ बच्चन
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