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This Article is From Jul 07, 2021

जब टूटा फ्रिज देख सायरा बानो की आंखों में आ गए आंसू, दिलीप कुमार का था ये रिएक्शन

सायरा बानो की दिली इच्छा थी कि नए घर में नया फ्रिज भी हो. दिलीप कुमार पत्नी सायरा बानो की कोई फरमाइश पूरी करने में पीछे नहीं हटते थे.

जब टूटा फ्रिज देख सायरा बानो की आंखों में आ गए आंसू, दिलीप कुमार का था ये रिएक्शन
दिलीप कुमार का 98 वर्ष की उम्र में निधन.
नई दिल्ली:

बॉलीवुड एक्टर दिलीप कुमार का 98 वर्ष की उम्र में निधन हो गया है. उनका निधन मुंबई के हिंदुजा अस्पताल मे ंहुआ है. दिलीप कुमार का शानदार फिल्मी करियर रहा है, और उनसे जुड़े कई शानदार किस्से भी हैं. ये किस्सा उस दौर का है जब रेफ्रिजरेटर यानी फ्रिज चंद रईसों के घर में हुआ करता था और कीमत भी ठीक-ठाक थी. मशहूर अभिनेता दिलीप कुमार मुंबई के पाली हिल में अपने नए घर में शिफ्ट हुए थे और जरूरत के तमाम साजो-सामान खरीदे जा रहे थे. सामान की लिस्ट में फ्रिज भी शामिल किया गया. सायरा बानो की दिली इच्छा थी कि नए घर में नया फ्रिज भी हो. दिलीप कुमार पत्नी सायरा बानो की कोई फरमाइश पूरी करने में पीछे नहीं हटते थे. उन्होंने झट से नई फ्रिज ऑर्डर कर दी. अगले दिन जब नई फ्रिज घर पहुंची तो सायरा बानो बेहद उत्साहित थीं.

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उन्होंने फ्रिज को अनपैक किया और इसका दरवाजा खोला, लेकिन देखा कि फ्रिज के अंदर एक रैक टूटी पड़ी है. नई फ्रिज की यह हालत देखने के बाद सायरा बानो की आंखों में आंसू आ गये. वह लगभग रो पड़ीं. दिलीप कुमार की आत्मकथा 'द सबस्टैंस एंड द शैड : एन ऑटोबायोग्राफी' के मुताबिक सायरा बानो की आंखों में आंसू देख दिलीप साहब तुरंत उनके पास गए और शांत कराया. इसके बाद वह टूटी रैक को ठीक करने में जुट गए. चंद मिनट में ही कपड़ा टांगने वाले एक हैंगर की मदद से उस रैक को ठीक कर दिया और काम करने लायक बना दिया. बकौल सायरा बानो, 'दिलीप साहब को कभी भी मेरी आंखों में आंसू पसंद नहीं है, चाहे वह कोई भी बात हो. पता नहीं कितने 'स्टार' पति ऐसा कर पाते होंगे'. 

जब दिलीप कुमार ने देखी अपनी गलत जीवनी :
2004 की गर्मियों के दिन थे. एक शाम सायरा बानो अपनी बुकशेल्फ में किताबों को करीने से रख रही थीं. इस दौरान फिल्म पत्रकार उदय तारा नायर भी मौजूद थीं. इसी दरम्यान दिलीप कुमार  की नजर एक किताब पर पड़ी. इस किताब के लेखक का दावा था कि, 'उससे ज्यादा दिलीप कुमार को कोई नहीं जानता है'. दिलीप साहब ने किताब के कुछ पन्नों पर निगाह दौड़ाई और सायरा की तरफ मुड़े. उन्होंने कहा, 'इस किताब को मेरी जीवनी के तौर पर पेश किया गया है, लेकिन इसमें तमाम सूचनाएं और तथ्य गलत हैं'. सायरा बानो ने तपाक से कहा, 'फिर आप खुद क्यों नहीं अपनी आत्मकथा लिखते हैं'. दरअसल, सायरा हमेशा से चाहती थीं कि एक फल विक्रेता के साधारण बेटे युसूफ खान की कहानी को देश-दुनिया जाने.

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लोगों को पता लगे कि किस तरह दिलीप कुमार भारत के पहले सुपर स्टार बने और अपने अभिनय की बदौलत दुनिया के सर्वश्रेष्ठ अभिनेताओं में शुमार हुए. सायरा बानो के लिए यह एक मौका था और उन्होंने बिना देर किये अपने दिल की बात कह दी. कुछ सेकेंड की चुप्पी के बाद दिलीप साहब सायरा की तरफ मुडे़. उन्होंने कहा, 'ठीक है, मैं अपनी कहानी बताऊंगा. लेकिन किसी को इसे संकलित (कंपाइल) करना होगा. कोई ऐसा जो मेरी तरह मेहनत करता हो और हमें अच्छे से जानता भी हो'.  सायरा बानो ने पत्रकार उदय तारा नायर की ओर इशार करते हुए कहा, वह यहीं हैं. दिलीप कुमार (Dilip Kumar) उदय तारा नायर की तरफ मुखातिब हुए और पूछा 'हम कब शुरू कर सकते हैं'. 

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