बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता धर्मेंद्र, जिन्होंने बंगाली फिल्म 'परी' और इसके हिंदी रीमेक 'अनोखा मिलन' में दिवंगत अभिनेता दिलीप कुमार के साथ सह-अभिनय किया था. आज दिलीप कुमार हमारे बीच नहीं हैं. 98 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया. वे तकरीबन एक सप्ताह तक अस्पताल में भर्ती रहे. इस दिल दुखा देने वाली घटना पर NDTV के साथ एक इंटरव्यू में धर्मेंद्र कहते हैं कि मैं बेहद हैरान हूं. मुझे लगता है कि पूरी दुनिया जानती है कि दिलीप साहब मेरे भाई थे. मैं जब सुबह उठा तब मुझे इस बारे में पता चला. मैं सायरा बानो से मिलने जरूर जाऊंगा. मैं अभिनेता बनने से पहले भी उनके घर जाता था, उनका घर देखकर ऐसा लगता था कि कोई तीर्थ यात्रा पर आया है.'
अभिनेता ने कहा कि वह अपने अनोखा मिलन के सह-कलाकार को अंतिम सम्मान देना चाहते हैं. वे कहते हैं कि, "काश आज कोई मुझे उनसे मिलवाता. वह एक महान इंसान थे, न केवल एक महान अभिनेता थे. वह मुझसे बेहद प्यार करते थे. मैं बहुत परेशान हूं, मैं ज्यादा बात करने में सक्षम नहीं हूं," धर्मेंद्र ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा किया और उन्होंने लिखा: "इंडस्ट्री में अपने सबसे प्यारे भाई को खोने के लिए बेहद दुखी हूं, उन्हें जन्नत नसीब हो, हमारे दिलीप साहब"
दिग्गज अभिनेता के साथ अपनी पहली मुलाकात को याद करते हुए, धर्मेंद्र ने NDTV से बातचीत के दौरान कहा, "जब मैं पहली बार उनसे मिला था, तब मैंने सुना था कि उनकी बहन फरीदा टाइम्स ऑफ इंडिया में काम कर रही थी. मैंने पूछा 'मैं दिलीप साहब से मिलना चाहता हूं' तो उन्होंने कहा ठीक है, मेरी अगले दिन 8:30 बजे की मुलाकात फिक्स हुई. मैं 8:30 तक इंतजार नहीं कर सका, मुझे यह इंतजार आधे जीवन का लगा. मैं उनके पाली हिल वाले घर गया. 8:30 बजे से बैठा. शाम 1:30 बजे गया था. वह दिन मुझे अभी तक याद है.
उन्होंने आगे कहा कि दिलीप कुमार ने साठ के दशक में उन्हें एक स्वेटर दिया था, जो आज तक उनके सबसे बेशकीमती सामानों में से एक है. "हमारी बातचीत की कल्पना कीजिए इतने प्यार से उसने मुझे पहनने के लिए एक स्वेटर दिया. मैंने उनसे कहा 'मैं इसे वापस नहीं करूंगा, क्या मैं इसे ले सकता हूं?" उन्होंने खुशी-खुशी मुझे बहुत प्यार से दे दिया. जब हम एक दिन शूटिंग कर रहे थे, तब वह मुझे अपना सूट पहनने के लिए कह रहे थे और मैंने सायरा से कहा- मैं उन्हें मना नहीं कर सकता हूं, दरअसल यह मेरे थोड़ा ढीला है. इस दौरान मुझे याद आया कि दिलीप साहब का दिया गया स्वेटर भी मेरे पास है. इस बात को कोई नहीं भूल सकता की वे सब कुछ अच्छा खरीदते थे. 'इसपर उन्होंने कहा- हां मुझे पेरिस से 2 मिले, एक नासिर ने लिया और दूसरा तुमने लिया,'
शोले अभिनेता ने आगे कहा- वह किसी दिन दिलीप कुमार के बारे में लिखना चाहते हैं. "मुझे आश्चर्य है कि हम एक ही मां से कैसे पैदा नहीं हुए, वह मुझे इतनी सारी बातें समझाते थे, उनके साथ इतनी सारी यादें हैं. वह वास्तव में मेरे भाई हैं. एक अभिनेता के रूप में वह उत्कृष्ट थे. इस समय में मैं ज्यादा कुछ नहीं कह सकता, लेकिन जब मैं आपसे किसी दिन मिलूंगा या उसके बारे में लिखूंगा क्योंकि जब तक मैं जीवित हूं, उनकी यादें जीवित रहेगी. उनकी यादें मुझे एक भाई के रूप में एक परछाई की तरह घेर लेंगी,"
भावुक धर्मेंद्र ने कहा कि उन्होंने और दिलीप कुमार ने अनगिनत यादें साझा कीं हैं. हिंदी सिनेमा और उनके जीवन में अभिनेता के योगदान के बारे में बोलते हुए, धर्मेंद्र कहते हैं कि, "मेरे पास 1000 यादें हैं. मेरे पास बहुत सी चीजें हैं. मैं अपनी पसंद की चीजें उनसे मांगता था. वह एक बड़े भाई की तरह मुझे देते भी थे. वह मुझे हमेशा मजबूत रहने के लिए कहा करते थे. वे कहते थे 'तुम्हें बाहर जाना चाहिए क्योंकि तुम गांव से हो. यहां तुम्हारे लिए घुटन महसूस होगी. मुंबई में महीने में एक बार लोनावाला जाओ.' वह इतने अच्छे इंसान थे कि आप उन पर किताब लिख सकते हैं."
अंत में वे कहते हैं कि, "हम किसी से क्यों मिलते हैं? हम किसी के लिए क्यों तरसते हैं ? क्योंकि एक इंसान केवल एक इंसान को चाहता है. न केवल एक अद्भुत अभिनेता बल्कि वह एक भाई की तरह थे. हमारी आत्माएं मिलती हैं वह हमेशा इंतजार करता थे मिलने के लिए, गपशप करने के लिए, हम उसके घर पर एक साथ खाना खाते थे."
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