
हाल ही में बोनी कपूर ने खुलासा किया कि श्रीदेवी ने अपनी फिल्म 'मॉम' के लिए 70 लाख रुपये कम क्यों लिए थे. उन्होंने बताया कि श्रीदेवी ने उनसे कहा कि मुझे कम पैसे दे दो. बोनी ने कहा कि श्रीदेवी ने कहा था कि 'मुझे मत देना पर ए आर रहमान को ले लो.' कोमल नाहटा के साथ एक बातचीत में बोनी कपूर ने खुलासा किया, "उन्हें फिल्म निर्माण की अच्छी समझ थी. उन्हें अक्सर एहसास होता था कि लाइटिंग सही नहीं है. 90% मेकअप वो खुद ही करती थीं. वो तय करती थीं कि किस तरह के बाल कॉस्ट्यूम पर जंचेंगे. वो उन आउटफिट्स का स्केच बनाती थीं जो उन्हें सही लगते थे.
'रूप की रानी चोरों का राजा'(1993) के कॉस्ट्यूम के लिए लीना दारू को कश्मीर भेजा गया था, जहां बोनी कपूर शूटिंग कर रहे थे, क्योंकि वो ट्रायल के लिए भेजे गए कपड़ों से खुश नहीं थीं. उन्होंने कॉस्ट्यूम का आइडिया और कलर स्कीम दी थी. नतीजतन, मुझे कॉस्ट्यूम से मैच करने के लिए सेट की कलर स्कीम बदलनी पड़ी."बोनी ने आगे कहा, वो हर चीज़ का स्केच बनाती थीं. आप मनीष मल्होत्रा और नीता लुल्ला से पूछ सकते हैं कि उन्होंने उनकी कितनी मदद की." बोनी कपूर ने बताया, "शुरुआत में उनकी 4-5 हिंदी फ़िल्में डब की गईं. उन्हें लगा कि उनकी एक्टिंग से समझौता किया जा रहा है. इसलिए उन्होंने हिंदी सीखी.
उन्होंने बताया, डबिंग स्टूडियो में उनके पास एक हिंदी शिक्षक था. इस तरह उन्होंने खुद डबिंग शुरू की. 2017 में आई मॉम के लिए उन्होंने तमिल और तेलुगु के लिए डबिंग की. मलयालम के लिए एक डबिंग कलाकार था. फिर भी, वह यह देखने के लिए उसके साथ बैठीं कि डबिंग के साथ तालमेल बैठ पा रहा है या नहीं. बहुत कम एक्टर्स में इतना समर्पण होता है."उन्होंने यह भी कहा, "मॉम के लिए हम ए आर रहमान को लेना चाहते थे. लेकिन वह महंगे थे, तब श्री ने मुझसे कहा, 'मुझे बाकी पैसे नहीं चाहिए.' यह 50-70 लाख रुपये की अच्छी- अच्छी रकम थी. उन्होंने मुझसे कहा, 'मुझे मत देना पर रहमान को ले लो.'
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