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This Article is From May 09, 2022

बॉलीवुड की इन फिल्मों में नहीं थी कोई हीरोइन, क्या हुआ फिल्मों का हाल खुद ही जान लीजिए

बॉलीवुड में कई ऐसी फिल्में बन चुकी हैं जिनमें हीरो के नाम पर दो तीन चार मेल लीड रहे लेकिन हीरोइन नदारद रहीं. ऐसी कुछ फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचाया तो कुछ कब आईं कब चली गईं पता ही नहीं चला.

बॉलीवुड की इन फिल्मों में नहीं थी कोई हीरोइन, क्या हुआ फिल्मों का हाल खुद ही जान लीजिए
बॉलीवुड की इन फिल्मों में नहीं थी कोई हीरोइन,
नई दिल्ली:

बॉलीवुड की किसी फिल्म की बात होती है तो पहला सवाल यही होता है कि उसमें हीरो और हीरोइन कौन है. अगर ये जवाब मिले कि फिल्म में कोई हीरोइन नहीं है तो हैरानी तो होती ही है. क्योंकि जेहन में तो यही है कि फिल्म को पूरा करने के लिए मेल लीड और फीमेल लीड दोनों होना जरूरी हैं. हालांकि बॉलीवुड में कई ऐसी फिल्में बन चुकी हैं जिनमें हीरो के नाम पर दो तीन चार मेल लीड रहे लेकिन हीरोइन नदारद रहीं. ऐसी कुछ फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचाया तो कुछ कब आईं कब चली गईं पता ही नहीं चला. चलिए जानते हैं ऐसी ही फिल्मों के बारे में जो बिना हीरोइन के पूरी हुईं.

ओएमजी (OMG)

जरा हट कर एक स्टोरी और उस पर परेश रावल का शानदार परफॉर्मेंस. वैसे तो पूरी मूवी वन मैन शो थी, लेकिन उसमें अक्षय कुमार की एंट्री ने भी नई जान फूंक दी. फीमेल लीड की डिमांड न स्टोरी में थी और न फिल्म देखने वालों को फीमेल लीड की कमी खली.

ए वेडनेसडे (a Wednesday  )

इस फिल्म में भी हीरोइन नदारद थी. हिंदी मसाला फिल्मों में नजर आने वाले हीरो भी नहीं थे. नसीरूद्दीन शाह और अनुपम खेर के कंधों पर पूरी फिल्म का भार था. ये कहना गलत नहीं होगा कि दोनों ने अपनी उम्दा एक्टिंग और बेमेल संवाद अदायगी से फिल्म को बिलकुल बोझिल नहीं होने दिया.

धमाल (dhamaal)

पांच पांच हीरो लेकिन हीरोइन एक भी नहीं. देखा जाए तो पैसे खोजने की भागमभाग में लग हीरोज के पास हीरोइन पर जाया  करने के लिए वक्त था भी नहीं. हंसी की फुहारों के बीच इस कमी का अहसास भी नहीं हुआ. हालांकि धमाल की दूसरी सिक्वेल पहली फिल्म जैसा कमाल नहीं दिखा सकीं.

फरारी की सवारी (Ferrari ki sawari)

फिल्म पापा और बेटे के बीच की इमोशनल केमिस्ट्री पर बेस्ड थी फिल्म. तीन पीढ़ी की इस कहानी में न मां की कमी खली न दादी की. हालांकि फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर वो कमाल नहीं दिखाया जिसकी दरकार थी.

चेन कुली की मेन कुली (Chain Kulii Ki Main Kulii)
क्रिकेट लवर्स के लिए ये शानदार फिल्म है. एक अनाथ बच्चे का क्रिकेटर बनने का सपना और राहुल बोस की एक्टिंग. दोनों ने फिल्म को बहुत इमोशनल बनाया. हालांकि बॉक्स ऑफिस पर फिल्म को उसके स्तर का रिस्पॉन्स नहीं मिला. इस फिल्म में भी फीमेल लीड की कमी कहीं महसूस नहीं हुई.

तारे जमीं पर (Taare zamin par)

इस फिल्म की कहानी एक टीचर और उसके स्टूडेंट के आसपास थी. आमिर खान और दर्शिल सफारी ने फिल्म में इतना उम्दा काम किया कि हीरोइन की कमी महसूस ही नहीं हुई. हालांकि टिस्का चोपड़ा जैसी दमदार अदाकारा फिल्म में थीं लेकिन उन्हें फीमेल लीड नहीं कहा जा सकता.

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