बेगम अख्तर को पद्मश्री सम्मान दिया जा चुका है.
नई दिल्ली:
'मल्लिका-ए-गजल' कहलाने वाली बेगम अख्तर का आज 103वां जन्मदिन है. ऐसे में जहां कई गजल प्रेमी उन्हें इस मौके पर याद कर रहे हैं तो वहीं गूगल ने भी उनके जन्मदिन पर उन्हें डूडल बनाकर भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी है. बेगम अख्तर का जन्म 7 अक्टूबर 1914 को उत्तर प्रदेश के फैजाबाद जिले में हुआ था. डूडल में गायिका हाथ में सितार पकड़े नजर आ रही हैं. जब भी लखनऊ में संगीत घराने की बात की जाए तो सुरों की मलिका बेगम अख्तर का नाम लिए बिना यह जिक्र अधूरा है. दादरा, ठुमरी और गजल में महारत हासिल करने वाली बेगम अख्तर ‘संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार’ के अलावा ‘पद्म श्री’ से भी सम्मानित थीं. उन्हें मरणोपरांत ‘पद्म भूषण’ भी दिया गया था.
उन्होंने 'नसीब का चक्कर', 'द म्यूजिक रूम', 'रोटी', 'दाना-पानी', 'एहसान' जैसी कई फिल्मों के गीतों को उन्होंने अपनी आवाज दी. बेगम कई नाटकों और फिल्मों में अभिनय भी किया. वर्ष 1945 में उन्होंने इश्तिआक अहमद अब्बासी से शादी की थी, जो पेशे से वकील थे. मशहूर गजल 'ऐ मोहब्बत तेरे अंजाम पे रोना आया...' के अलावा बेगम अख्तर ने संगीत प्रेमियों को गजलों की कीमती विरासत सौंपी है. बेगम ने कई जगह रहकर अपनी आवाज का जादू बिखेरा लेकिन उनका दिल हमेशा लखनऊ के लिए धड़कता रहता था. छोटी सी उम्र में बेगम अख्तर के सामने अभिनय के दरवाजे भी खुल गए, जिसके बाद उन्होंने साल 1920 में कोलकाता के एक थियेटर से एक्टिंग करियर की शुरुआत की
कहा जाता है कि बेगम अख्तर गजल शैली की प्रथम अन्वेषक थीं, जिनकी कला सीखकर अन्य कलाकारों का जन्म हुआ, जिनमें जिगर मुरादाबादी, कैफी आजमी और शकील बदायुंनी जैसे नाम शामिल हैं. बेगम अख्तर ने हिंदी फिल्मों में भी अपनी गजल से सबका दिल जीता है. गायिका का निधन 60 वर्ष की उम्र में 30 अक्तूबर 1974 को हुआ था.
(इनपुट भाषा से भी)
VIDEO: फिल्म रिव्यू : बाप और बेटे का खूबसूरत रिश्ता दिखाती है फिल्म 'शेफ'
...और भी हैं बॉलीवुड से जुड़ी ढेरों ख़बरें...
Born #OnThisDay: BEGUM AKHTAR
— NFAI (@NFAIOfficial) October 7, 2017
Mallika-e-Ghazal sung the song “Bhar Bhar Aaye” from Satyajit Ray’s Jalsaghar (1958). pic.twitter.com/bju2dgFV0s
उन्होंने 'नसीब का चक्कर', 'द म्यूजिक रूम', 'रोटी', 'दाना-पानी', 'एहसान' जैसी कई फिल्मों के गीतों को उन्होंने अपनी आवाज दी. बेगम कई नाटकों और फिल्मों में अभिनय भी किया. वर्ष 1945 में उन्होंने इश्तिआक अहमद अब्बासी से शादी की थी, जो पेशे से वकील थे. मशहूर गजल 'ऐ मोहब्बत तेरे अंजाम पे रोना आया...' के अलावा बेगम अख्तर ने संगीत प्रेमियों को गजलों की कीमती विरासत सौंपी है. बेगम ने कई जगह रहकर अपनी आवाज का जादू बिखेरा लेकिन उनका दिल हमेशा लखनऊ के लिए धड़कता रहता था. छोटी सी उम्र में बेगम अख्तर के सामने अभिनय के दरवाजे भी खुल गए, जिसके बाद उन्होंने साल 1920 में कोलकाता के एक थियेटर से एक्टिंग करियर की शुरुआत की
Tribute to 'Mallika-e-Ghazal' Begum Akhtar on 103rd birth anniversary.
— Film History Pics (@FilmHistoryPic) October 7, 2017
PadmaBhushan awardee, Seen here during a live performance in 1940s. pic.twitter.com/4IRnQO182u
कहा जाता है कि बेगम अख्तर गजल शैली की प्रथम अन्वेषक थीं, जिनकी कला सीखकर अन्य कलाकारों का जन्म हुआ, जिनमें जिगर मुरादाबादी, कैफी आजमी और शकील बदायुंनी जैसे नाम शामिल हैं. बेगम अख्तर ने हिंदी फिल्मों में भी अपनी गजल से सबका दिल जीता है. गायिका का निधन 60 वर्ष की उम्र में 30 अक्तूबर 1974 को हुआ था.
(इनपुट भाषा से भी)
VIDEO: फिल्म रिव्यू : बाप और बेटे का खूबसूरत रिश्ता दिखाती है फिल्म 'शेफ'
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