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This Article is From Feb 13, 2024

महात्मा गांधी से मिलकर बदली थी इस एक्टर की जिंदगी, जेल में रहते वक्त भी की फिल्म की शूटिंग, शौक के तो क्या ही कहने, पहचाना क्या

बलराज साहनी ऐसे बॉलीवुड एक्टर रहे हैं जिन्होंने अपने जमाने में एक से बढ़कर एक फिल्में दी है. भारत की आजादी में शिरकत करने वाले इस एक्टर ने जेल में रहकर भी फिल्म की शूटिंग जारी रखी.

महात्मा गांधी से मिलकर बदली थी इस एक्टर की जिंदगी, जेल में रहते वक्त भी की फिल्म की शूटिंग, शौक के तो क्या ही कहने, पहचाना क्या
जेल में रहते वक्त भी की फिल्म की शूटिंग ये एक्टर
नई दिल्ली:

बॉलीवुड में ऐसे कई कलाकार हुए हैं जिन्होंने अपनी एक्टिंग और हुनर के बल पर बॉलीवुड के साथ साथ विदेशी सिनेमा में भी भारत को पहचान दिलाई. ऐसे ही एक मंझे हुए एक्टर थे बलराज साहनी. हिंदी और इंग्लिश लिटरेचर में मास्टर्स की डिग्री लेने वाले बलराज साहनी पाकिस्तान से भारत आए और यहां आकर बॉलीवुड में गदर मचा दिया. कहते हैं कि बलराज साहनी जिस वक्त पाकिस्तान आए, उस वक्त भारत में आजादी के लिए क्रांति का काल था और बलराज साहनी ने यहां महात्मा गांधी से न केवल मुलाकात की बल्कि उनके साथ काम भी किया. इसी के चलते वो जेल भी गए और कमाल देखिए कि जेल में रहते हुए भी उनको फिल्म की शूटिंग के लिए कुछ देर की छुट्टी मिल जाया करती थी.

फिल्म दो बीघा जमीन से मिली असली पहचान  

अपने करियर में दो बीघा जमीन के साथ साथ कई सारी शानदार फिल्में करने बलराज साहनी का असली नाम युधिष्ठिर साहनी था. रावलपिंडी में उनका अच्छा खासा बिजनेस था लेकिन उनका मन तो बॉलीवुड में लगता था. बलराज साहनी के बड़े भाई भीष्म साहनी एक बहुत बड़े भारतीय लेखक थे और उन्हीं के प्रभाव के चलते बलराज साहनी फिल्म और राइटिंग की लाइन में आए. बलराज साहनी ने अपने करियर की शुरूआत इंडियन पीपुल्स थिएटर एसोसिएशन के साथ की और 1946 में उनको पहली फिल्म मिली जिसका नाम था इंसाफ. इसके बाद हालांकि बलराज साहनी ने काफी फिल्में की लेकिन उनको सबसे ज्यादा शोहरत मिली बिमल रॉय की क्लासिक फिल्म दो बीघा जमीन के जरिए. इस फिल्म को काफी सफलता मिली और फिल्म ने कान्स में इंटरनेशनल अवॉर्ड भी जीता. टैगोर के उपन्यास पर बनी फिल्म काबुलीवाला में भी बलराज साहनी के काम को काफी पसंद किया गया और उनका करियर ऊंचाइयां छूता गया. इसके अलावा सीमा, सोने की चिड़िया, वक्त, सट्टा बाजार, भाभी की चूड़ियां जैसी फिल्मों ने उनको उस जमाने का बड़ा स्टार बना दिया था.

बलराज साहनी का था ये शौक 

आपको बता दें कि विचारों से बलराज साहनी एक मार्क्सवादी थे और उनका कहना था कि उनकी मौत के बाद उनको लाल रंग के कपड़े से ही ढका जाए. बलराज साहनी ने दमयंती नाम की बॉलीवुड एक्ट्रेस से शादी की और दमयंती के साथ उनकी फिल्म गुड़िया काफी हिट हुई थी. हालांकि उसी साल दमयंती की मौत हो गई और उसके कुछ समय बाद बलराज साहनी ने संतोष चंदोक से विवाह किया जो एक टीवी राइटर थी. कहते हैं कि बलराज साहनी के शौक भी अजीबोगरीब थे, उनको पानी से बहुत लगाव था. वो बहुत देर तक तैरते रहते थे और बर्फीले पानी से नहाते थे.

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