
Ketu impact on kundali : कुंडली के आठवें भाव में केतु को अच्छा माना जाता है. केतु के प्रभाव से कई तरह के शुभ फल की भी प्राप्ति हो सकती है. जातक अपने काम के प्रति गंभीर हो सकता है. हालांकि, ज्यादातर मामलों में केतु का प्रभाव ज्यादा अच्छा नहीं माना जाता. यहां स्थित केतु के प्रभाव से आपको कई तरह की शारीरिक समस्याओं का भी सामना करना पड़ सकता है. व्यक्ति को मधुमेह या मूत्र से जुड़ी बीमारी हो सकती है.
आठवें भाव को आध्यात्म, मोक्ष और तांत्रिक विद्या आदि का कारक माना जाता है. इस भाव को स्वास्थ्य का भाव भी माना जाता है. ऐसे में जातक को चोट लगने का खतरा बना रहता है. जातक को जहरीले जीवों के साथ ही अन्य जानवरों के काटने का भी खतरा बना रहता है.
केतु के सकारात्मक प्रभाव
इस भाव में केतु को आर्थिक रूप से अच्छा माना जाता है. सरकार से भी धन की प्राप्ति हो सकती है. जातक की खेलकूद में भी रुचि हो सकती है. केतु यदि शुभ स्थान में हो या किसी शुभ ग्रह के साथ हों, तो वह अशुभ परिणाम नहीं देता.
केतु के नकारात्मक प्रभाव
आठवें भाव में केतु के नकारात्मक प्रभाव की बात करें, तो जातक की गलत लोगों के साथ संगति हो सकती है. जातक लोभी और धूर्त हो सकता है. आय को लेकर भी परेशानी हो सकती है. दोस्तों से दूरियां भी हो सकती हैं. वाहन आदि से भी परेशानी हो सकती है. केतु के प्रभाव से जातक दूसरों को तकलीफ देने से पहले तनिक भी नहीं सोचते. केतु के प्रभाव से जातक के अंदर किसी बात को लेकर भय भी हो सकता है.
वैवाहिक जीवन पर प्रभाव
केतु का वैवाहिक जीवन पर भी प्रभाव देखने को मिलता है. आठवें भाव में केतु के प्रभाव से जातक की पत्नी अक्सर बीमार हो सकती है. जातक को वैवाहिक जीवन में परेशानियों का भी सामना करना पड़ सकता है. इसके अलावा आपको कई दूसरी परेशानियां भी देखने को मिल सकती हैं.
करियर पर प्रभाव
आठवें भाव में केतु के प्रभाव से करियर से जुड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. आपको कई तरह के प्रभाव देखने को मिल सकते हैं. आप कोई काम तो उत्साह के साथ शुरू करेंगे, लेकिन वह काम बीच में ही अटक सकता है, यानी आप काम को अधूरा छोड़ सकते हैं. नौकरी में अच्छा काम करने के बावजूद तरक्की नहीं मिलती. आय में भी रुकावट हो सकती है.