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कुंडली के पांचवे भाव में कुछ इस तरह का होता है गुरू का प्रभाव, यहां जानिए कुछ खास बातें

इस भाव में गुरू के प्रभाव से व्यक्ति की भगवान में आस्था होती है और वह धार्मिक प्रवृत्ति का होता है. व्यक्ति में दयालुता देखने को मिलती है और वे समाजसेवा और परोपकार में भी रुचि रखते हैं.

Edited by Updated : September 19, 2024 6:34 AM IST
कुंडली के पांचवे भाव में कुछ इस तरह का होता है गुरू का प्रभाव, यहां जानिए कुछ खास बातें
इस भाव में बृहस्पति अच्छे माने जाते हैं.
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Astrology: पांचवा भाव काफी महत्वपूर्ण होता है. इसे संतान का भाव भी माना जाता है और इस भाव में अगर गुरू विराजमान हों तो व्यक्ति को संतानप्राप्ति में थोड़ी परेशानी हो सकती है. हालांकि, पांचवे भाव में गुरू (Jupiter) के प्रभाव से व्यक्ति को ज्यादातर पुत्र संतान की ही प्राप्ति होती है. इस भाव में गुरू के प्रभाव से व्यक्ति की भगवान में आस्था होती है और वह धार्मिक प्रवृत्ति का होता है. व्यक्ति में दयालुता देखने को मिलती है और वे समाजसेवा और परोपकार में भी रुचि रखते हैं. पांचवा भाव शौक, प्रेम, विवाह, संतान और रिश्ते को प्रभावित करता है. ऐसे में इस भाव में बृहस्पति अच्छे माने जाते हैं.

गुरू के सकारात्मक प्रभाव

पांचवे भाव में गुरू के सकारात्मक प्रभाव की बात करें तो व्यक्ति खुशहाल और हंसमुख होता है. उनका स्वास्थ्य भी अच्छा होता है. ऐसे लोग स्वभाव से न्याय करने वाले और समझदार होते हैं. इनकी वाणी भी मधुर होती है. इनकी एक खास बात यह होती है कि ये किसी से भी सलाह लेने से नहीं हिचकते चाहे वह उनका जूनियर ही क्यों न हो. परिवार में भी इनका ओहदा ऊंचा होता है.

गुरू के नकारात्मक प्रभाव

गुरू के नकारात्मक प्रभाव की बात करें तो इनमें अहं देखने को मिल सकता है. अहं के कारण कई बार उन्हें बेहतर निर्णय लेने में समस्या हो सकती है. ये काफी विनम्र होते हैं और कई बार इनकी विनम्रता इनके लिए घातक हो सकती है. लोग इनकी सरलता का फायदा उठाकर उन्हें धोखा भी दे सकते हैं. गुरू के प्रभाव से कई बार व्यक्ति में आलस्य भी देखने को मिलता है. आपको इसका ध्यान रखने की जरूरत है. 

वैवाहिक जीवन पर प्रभाव

पांचवें भाव में गुरू का वैवाहिक भाव पर भी प्रभाव देखने को मिलता है. गुरू के प्रभाव से वैवाहिक जीवन अच्छा हो सकता है. अगर गुरू नीच राशि में हों तो विवाह में विलंब हो सकता है. ये संतान के प्रति काफी उदार होते हैं. उनपर किसी तरह का कोई दबाव नहीं डालते. कई बार ऐसा करना उनके लिए परेशानी का सबब भी हो सकता है. हालांकि, इनकी संतान सुखी और संपन्न होती है.

गुरू का करियर पर प्रभाव

गुरू के करियर पर प्रभाव की बात करें तो ये लेखक या साहित्यकार हो सकते हैं. ज्योतिष में भी इनकी रुचि देखने को मिल सकती है. मनोरंजक और साहसिक खेलों में भी इन्हें सफलता मिलती है. ऐसे लोग राजनीति में देखने को मिलते हैं. शिक्षक, पत्रकारिता जैसे क्षेत्र इनके लिए उपयुक्त होते हैं. व्यापार में भी इन्हें सफलता मिलती है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)