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Holashtak 2023: होलाष्टक हो चुके हैं शुरू, जानिए इस दौरान किस तरह की जा सकती है पूजा-अर्चना

Holashtak 2023: फाल्गुन मास में होलाष्टक लग चुके हैं. इन दिनों में पूजा-पाठ से मां लक्ष्मी की भी पाई जा सकती है कृपा.

Written by , Edited by Updated : March 02, 2023 7:28 AM IST
Holashtak 2023: होलाष्टक हो चुके हैं शुरू, जानिए इस दौरान किस तरह की जा सकती है पूजा-अर्चना
Holashtak Lakshmi Upay: होलाष्टक पर इस तरह करें मां लक्ष्मी की आराधना. 
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Holashtak 2023: फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से होलाष्टक लग चुके हैं. होलाष्टक को हिंदु धर्म में बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है. इस वर्ष 27 फरवरी से होलाष्टक की शुरूआत हो चुकी है. होलाष्टक होली (Holi) से आठ दिनों पहले लगना शुरू हो जाते हैं और इनमें मांगलिक कार्य जैसे विवाह, लगन, मुंडन और शगुन आदि पर रोक लग जाती है और इस समय इस तरह का कोई मांगलिक कार्य नहीं किया जाता है. होलाष्टक के दिनों में मान्यतानुसार मां लक्ष्मी (Ma Lakshmi) की आराधना भी की जाती है. मान्यतानुसार मां लक्ष्मी की आराधना कर होलाष्टक पर सुख-समृद्धि पायी जा सकती है. 

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बनाएं स्वास्तिक 

धार्मिक मान्यताओं के आधार के आर्थिक संकटों से मुक्ति पाने के लिए होलाष्टक के दैरान घर के मुख्य द्वार पर स्वास्तिक बनाया जा सकता है. स्वास्तिक का चिन्ह सिंदूर से बनाना बेहद शुभ होता है. स्वास्तिक (Swastik) के साथ ही घर की चौखट पर दीया जलाना शुभ व प्रभावशाली माना जाता है. 

लक्ष्मी स्त्रोत का पाठ 


होलाष्टक के दिनों में लक्ष्मी स्त्रोत का पाठ किया जा सकता है. लक्ष्मी स्त्रोत का पाठ करने पर मां लक्ष्मी की विशेष कृपा मिलती है. इसके साथ ही हल्दी, सरसों और गुड़ इत्यादि से हवन भी किया जा सकता है. 


 महामृत्युंजय मंत्र का पाठ 


होली से पहले होलाष्टक के दौरान मां लक्ष्मी के स्त्रोत व मंत्रों के साथ ही  महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना भी शुभ होता है. ऐसा करने पर घर-गृहस्थी पर देवताओं की शुभ दृष्टि पड़ती है. 


भगवान शिव का पूजन 


महामृत्युंजय मंत्र के जाप के अलावा होलाष्टक के दिनों में भगवान शिव (Lord Shiva) की आराधना करना शुभ माना जाता है. ऐसा करने पर घर में आ रही अड़चनें और बाधाएं दूर होती हैं. 

माता लक्ष्मी का पूजन 

मां लक्ष्मी का होलाष्टक के दौरान पूजन किया जाना शुभ होता है. इस दौरान घर के मंदिर को साफ-सुथरा रखें और कोशिश करें कि गोधूलि मुहूर्त में शाम के समय माता लक्ष्मी की पूजा (Lakshmi Puja) संपन्न करें. मान्यतानुसार ऐसा करने पर विशेष लाभ प्राप्त होता है. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)