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जब नवग्रहों के कारण जिंदगी में होने लगे बड़ा खेल, तब मंत्र जप के जरिए बिठाएं उनसे तालमेल

9 planets Mantra: यदि आपकी कुंडली में शनि सनसनी फैला रहा है, राहु रोड़े डाल रहा है या फिर केतु के कष्टों के कारण आप परेशान चल रहे हैं तो आपको नवग्रहों से जुड़े उन मंत्रों का जाप जरूर करना चाहिए, जिसे जपते ही सारे दोष दूर और शुभ फल प्राप्त होते हैं.

Posted by Updated : July 25, 2025 11:09 AM IST
जब नवग्रहों के कारण जिंदगी में होने लगे बड़ा खेल, तब मंत्र जप के जरिए बिठाएं उनसे तालमेल
मंत्रों के जप से दूर होंगे 9 ग्रहों के कष्ट, पूरी होंगी कामनाएं
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Navgrah Mantra Remedies: ज्योतिष के अनुसार पृथ्वी पर जन्म लेते ही व्यक्ति नवग्रहों से जुड़ जाता है और आजीवन उस पर इन ग्रहों के शुभ-अशुभ प्रभाव के चलते उसे सुख और दुख का सामना करना पड़ता है. ज्योतिष के अनुसार यदि आपकी कुंडली में कोई ग्रह कमजोर होकर अशुभ फल दे रहा है या फिर किसी ग्रह विशेष की महादशा के चलते आप परेशान हैं तो उन ग्रहों से संबंधित बीज मंत्र का जाप आपके लिए काफी कारगर साबित हो सकता है. सनातन परंपरा में नवग्रहों के दोष को दूर करने और उनकी शुभता दिलाने वाले मंत्रों के बारे में आइए विस्तार से जानते हैं. 

सूर्य का मंत्र - ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं स: सूर्याय नम:.

ज्योतिष के अनुसार सूर्य को नवग्रहों का राजा माना जाता है जो कि सिंह राशि का स्वामी है. इसकी महादशा छह साल की होती है. यदि आपकी कुंडली में सूर्य कमजोर होकर आपके कष्टों का कारण बन रहा है तो आपको उसके तांत्रिक मंत्र का 7000 बार जप करना चाहिए. 

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चंद्रमा का मंत्र - ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः सोमाय नमः.

ज्योतिष में चंद्रमा को मन का कारक माना गया है जो कि कर्क राशि का स्वामी है. यदि आप चंद्र दोष के कारण पीड़ित चल रहे हैं तो आपको चंद्रमा के तांत्रिक मंत्र का 11000 बार जाप करना चाहिए. 

मंगल का मंत्र - ॐ क्रां क्रीं क्रौं स: भौमाय नम:.

धरतीपुत्र कहे जाने वाले मंगल देवता से जुड़े दोष को दूर करने और उसकी शुभता को पाने के लिए उसके मंत्र का 10000 बार जाप करना चाहिए. 

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बुध का मंत्र - ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः .

ग्रहों का राजकुमार कहे जाने वाले बुध ग्रह से जुड़े दोष को दूर करके उसकी शुभता को पाने के लिए उसके मंत्र का 9000 बार जाप करना चाहिए. 
 
बृहस्पति का मंत्र - ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरुवे नमः.

यदि आपकी कुंडली में देवगुरु बृहस्पति अशुभ फल दे रहे हैं तो उनसे जुड़े दोष को दूर करने तथा शुभता को पाने के लिए उनके मंत्र का 19000 बार जाप करना चाहिए. 

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शुक्र का मंत्र - ॐ द्रां द्रीं द्रौम सः शुक्राय नमः.

यदि सुख, वैभव आदि के दाता कहे जाने वाले शुक्र देवता आपकी कुंडली में कमजोर होकर आपके दुखों का कारण बन रहे हैं तो उनकी शुभता को पाने के लिए उनके मंत्र का 16000 बार जाप करना चाहिए. 

शनि का मंत्र - ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम:. 

न्याय के दाता और दंडाधिकारी कहे जाने वाले शनिदेव यदि आपकी कुंडली में कष्ट का कारण बन रहे हैं तो उनसे जुड़े दोष को दूर करने और उनका आशीर्वाद पाने के लिए उनके मंत्र का 23000 बार जाप करना चाहिए. 

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राहु का मंत्र - ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः. 

सिंहिका के पुत्र राहु यदि आपके जीवन में रोड़े डालने का काम कर रहे हैं तो उनसे जुड़ी बाधाओं को दूर करने के लिए तथा शुभ फल को पाने के लिए उनके तांत्रिक मंत्र का 18000 जाप करना चाहिए. 

केतु का मंत्र - ॐ स्रां स्रीं स्रौं सः केतवे नमः.

यदि आपकी कुंडली में केतु कष्टों का कारण बन रहा है तो आपको केतु के तांत्रिक मंत्र 17000 जाप करना चाहिए. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)