तीन साल पहले कांग्रेस से भारतीय जनता पार्टी (BJP) में आए जितिन प्रसाद (Jitin Prasad) पीलीभीत लोकसभा क्षेत्र से उम्मीदवार हैं. उन्होंने वरुण गांधी की जगह ली है और जितिन प्रसाद का मुकाबला समाजवादी पार्टी के भगवत सरन गंगवार, जो नवाबगंज से पांच बार के विधायक हैं, और बहुजन समाज पार्टी के अनीस अहमद खान से होगा.
जितिन प्रसाद का जन्म 29 नवंबर, 1973 को उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में वरिष्ठ कांग्रेस नेता जितेंद्र प्रसाद और उनकी पत्नी कांता प्रसाद के घर हुआ था. उन्होंने दून स्कूल से पढ़ाई की और बाद में दिल्ली विश्वविद्यालय के श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से वाणिज्य में डिग्री हासिल की. उन्होंने नई दिल्ली में इंटरनेशनल मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट से एमबीए की पढ़ाई पूरी की.
UP के प्रमुख ब्राह्मण नेता जितिन प्रसाद ने राजनीतिक करियर की शुरुआत भारतीय युवक कांग्रेस से की थी. उन्होंने 2004 में चुनावी शुरुआत की और शाहजहांपुर सीट से जीत हासिल की, जो पहले उनके पिता जितेंद्र प्रसाद के पास थी.
जितिन प्रसाद को सांसद के रूप में पहले कार्यकाल के दौरान इस्पात राज्यमंत्री के रूप में नियुक्त किया गया था, जो मनमोहन सिंह कैबिनेट में सबसे कम उम्र के मंत्रियों में से एक बन गए. 2009 के चुनाव में शाहजहांपुर सीट के परिसीमन के बाद वह धौरहरा में स्थानांतरित हो गए. उन्होंने बहुजन समाज पार्टी के राजेश कुमार सिंह को 1.8 लाख से अधिक वोटों से हराया.
कभी राहुल गांधी के करीबी सहयोगी माने जाने वाले जितिन प्रसाद इसके बाद लगातार तीन चुनाव हार गए. 2014 और 2019 के आम चुनाव, और 2017 में UP विधानसभा चुनाव हारे. बंगाल में 2021 के विधानसभा चुनाव से पहले जितिन प्रसाद को प्रभारी बनाया गया था. राज्य में पार्टी का अभियान, और कांग्रेस का प्रदर्शन बेहद खराब रहा और वह एक भी सीट नहीं जीत पाई.
जून, 2021 में उन्होंने उत्तर प्रदेश में 2022 विधानसभा चुनाव से पहले BJP में शामिल होने के लिए कांग्रेस छोड़ दी. BJP में शामिल होने के तुरंत बाद जितिन प्रसाद ने कहा, "मुझे लगने लगा था कि मैं राजनीति से घिरी हुई पार्टी में हूं... मुझे लगने लगा था कि मैं लोगों के लिए योगदान या काम नहीं कर पा रहा हूं..."
जितिन प्रसाद का जन्म 29-Nov-1973 को शाहजहांपुर, उत्तर प्रदेश में हुआ.
जितिन प्रसाद के माता-पिता का नाम श्रीमती कांता प्रसाद और श्री जितेंद्र प्रसाद है.
भारतीय जनता पार्टी