बहुजन समाज पार्टी से कांग्रेस में शामिल होने वाले नेता दानिश अली को उत्तर प्रदेश के अमरोहा से मैदान में उतारा गया है. अमरोहा से मौजूदा सांसद दानिश अली को 'पार्टी विरोधी गतिविधियों' के लिए बसपा से निलंबित कर दिया गया था.
दानिश अली का जन्म 10 अप्रैल, 1975 को उत्तर प्रदेश के हापुड़ में हुआ था. इनके पिता का नाम जाफर अली और माता का नाम नफीस जाफर है. इन्होंने दिल्ली के जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में बीएससी (ऑनर्स) और मास्टर्स की पढ़ाई पूरी की.
दानिश अली ने अपना राजनीतिक करियर जनता दल (सेक्युलर) से शुरू किया और पार्टी महासचिव बने. दानिश अली को पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवेगौड़ा का बहुत खास माना जाता था.
उन्होंने 2019 में अपना पहला लोकसभा चुनाव बसपा के टिकट पर अमरोहा से लड़ा था. बसपा में शामिल होने के उनके फैसले को जद (एस) अध्यक्ष देवेगौड़ा का समर्थन प्राप्त था. भाजपा के कंवर सिंह तंवर को हराकर दानिश अली ने अमरोहा से जीत दर्ज की थी.
2023 में भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी ने लोकसभा के पटल पर दानिश अली के खिलाफ कुछ टिप्पणियां की थीं, जिनके कारण बड़े पैमाने पर आक्रोश फैल गया था. इस वजह से भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था.
पिछले पांच वर्ष में दानिश अली ने 6 नवंबर, 2019 से 13 जनवरी, 2020 तक लोकसभा में बसपा विधायक दल के नेता के रूप में कार्य किया है. उन्होंने कई समितियों में कार्य किया है, जिनमें सार्वजनिक उपक्रम, अनुमान और उद्योग समितियां शामिल हैं. वह रक्षा संबंधी स्थायी समिति और गृह मंत्रालय की सलाहकार समिति के सदस्य थे.
दानिश अली पहली बार 2017 में तब सुर्खियों में आए थे, जब उन्होंने कर्नाटक में कांग्रेस और जद (एस) को गठबंधन बनाने में मदद की थी. उन्होंने 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए दोनों पार्टियों के बीच सीट-बंटवारे के फॉर्मूले को अंतिम रूप देने में भी मदद की थी.
दानिश अली का जन्म 10-Apr-1975 को हापुड़ में हुआ.
दानिश अली के माता-पिता का नाम श्रीमती नफीस जाफर और कुंवर जाफर अली है.
स्नातक (जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी, नई दिल्ली)
कांग्रेस
विवाहित
श्रीमती जुबिया दानिश
1 पुत्र, 2 पुत्रियां
एबी-9, पंडारा रोड, नई दिल्ली-110003