निलंबित बसपा नेता दानिश अली ने पार्टी से निलंबित किए जाने पर कहा कि मुझे हमेशा बहन जी(मायावती) का बहुत समर्थन मिला है लेकिन उनका आज का फैसला दुर्भाग्यपूर्ण है. मैंने अपनी पूरी मेहनत और लगन के साथ बसपा को मजबूत करने का प्रयास किया और कभी भी कोई पार्टी विरोधी काम नहीं किया. मैंने भाजपा सरकार की जनविरोधी नीतियों का विरोध जरूर किया है और आगे भी करता रहूंगा. चंद पूंजीपतियों की लूट के खिलाफ मैंने आवाज़ उठाई है और आगे भी उठाता रहूंगा, यदि ऐसा करना जुर्म है तो मैंने जुर्म किया है और मैं इसकी सज़ा भुगतने के लिए तैयार हूं."