Why Only Dogs: कभी सोचा है कि आखिर क्यों कुत्ते इंसानों को इतनी आसानी से समझ लेते हैं? क्यों उनकी आंखों में देखते ही दिल पिघल जाता है? ये रिश्ता नया नहीं है…बल्कि हजारों साल पुराना है और इसकी शुरुआत में छिपी है एक रहस्यमयी कहानी. भेड़िए...आग के आसपास बैठी इंसानी बस्तियां और एक ऐसा भरोसा, जिसने पूरी दुनिया बदल दी. चलिए आपको बताते हैं कि आखिर इंसानों और कुत्तों के बीच दोस्ती की दिलचस्प कहानी आखिर शुरू कैसे हुई.
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कुत्ते कैसे बने इंसानों के साथी? (history of dogs)
2017 की एक स्टडी के मुताबिक, दुनिया भर के कुत्ते यूरोप के प्राचीन भेड़ियों से करीब 20,000-40,000 साल पहले विकसित हुए, पर सबसे बड़ा सवाल...ये जंगली शिकारी इंसानों के इतने करीब आए कैसे?
वैज्ञानिक इसके पीछे दो थ्योरी बताते हैं (wolf to dog story)
थ्योरी 1: इंसानों ने पाले छोटे भेड़िए
कहानी कुछ यूं है...पुराने इंसान शिकार के लिए कम आक्रामक भेड़ियों के बच्चों को पकड़कर पालने लगे. समय के साथ ये भेड़िए अपनी जंगली आदतें भूलकर इंसानों के साथ घुल-मिल गए. शिकार में मदद, सुरक्षा और साथ...धीरे-धीरे रिश्ता मजबूत होता गया.
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थ्योरी 2: भेड़िए खुद आए इंसानों की ओर (dogs evolution form wolves)
दूसरी थ्योरी और भी दिलचस्प है. जो कि सबसे फेमस थ्योरी है. कुछ निडर भेड़िए इंसानी बस्तियों के पास बचा खाना खाने आने लगे. फायदा दोनों को हुआ. भेड़ियों को खाना, इंसानों को चौकसी और फिर धीरे-धीरे जो भेड़िए इंसानों से कम डरते थे, वही जिंदा रहे और यही प्राकृतिक चयन उन्हें कुत्तों की पहली पीढ़ी बना गया.
कुत्ते इतने 'प्यारे' क्यों लगते हैं? (why dogs are cute)
प्रोफेसर लार्सन कहते हैं कि कुत्तों ने खास चेहरे की मांसपेशियां विकसित कीं, जिससे वो बच्चों जैसी मासूम अभिव्यक्तियां देते हैं. 2019 की रिसर्च बताती है कि उनकी आंखों के ऊपर बनी यह मांसपेशी इंसानों का दिल जीतने का जैविक तरीका है.
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वैज्ञानिक प्रमाण: इंसान की खुशबू, कुत्तों की खुशी (mysterious dog story)
एमोरी यूनिवर्सिटी की स्टडी बताती है कि कुत्तों के दिमाग का 'पॉजिटिव इमोशन' वाला हिस्सा तब सबसे ज्यादा एक्टिव होता है, जब उन्हें किसी अपने इंसान की खुशबू आती है, यानि यह रिश्ता सिर्फ प्यार नहीं...एक-दूसरे को महसूस करने की क्षमता है.
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